MP High Court On MPPSC Pre Exam 2020: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में साल 2020 की एमपी पीएससी प्री परीक्षा (MP PSC Pre Exam 2020) में कमीशन की गलती सामने आने के बाद एमपी उच्च न्यायालय (MP High Court) ने कुछ छात्रों को पास करार दे दिया है. अब मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) के प्री एग्जाम में फेल 15 अभ्यर्थियों को मेंस एग्जाम में शामिल किया जाएगा. दरअसल आयोग की गलती के कारण मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने इन सभी परीक्षार्थियों को पास मान लिया है. एक प्रश्न के जवाब को आयोग द्वारा गलत माना गया था जिस कारण ये छात्र फेल हुए थे पर इन छात्रों ने साबित कर दिया कि जवाब गलत नहीं था.

कोर्ट से मिली राहत -

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) द्वारा साल 2020 में आयोजित की गई प्रारंभिक परीक्षा में फेल किए गए 15 उम्मीदवारों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने प्रारंभिक परीक्षा में 2 अंक से फेल हुए 15 उम्मीदवारों को पास मानकर मुख्य परीक्षा में शामिल करने का आदेश जारी कर दिया है.

ये हैं कैंडिडेट्स के नाम -

आपको बता दें कि याचिकाकर्ता नेहा शर्मा, नरेंद्र वर्मा, बुशरा रहमान खान, सचिन गोस्वामी, दीपक धनगर, जिग्नेश बामनिया,आदित्य राज यादव, गीतेश पटले, सीमा राय,अरुण प्रताप सिंह, लोकेंद्र नारगुवा, संदीप धनगर, आणिमा दुबे, प्रवीण शुक्ला और सुमित ठाकुर ने राज्य लोक सेवा आयोग की गलती को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि 28 दिसंबर 2020 को आयोग द्वारा प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसका परिणाम 25 जुलाई 2021 को घोषित किया गया. इन सभी याचिकाकर्ताओं को दो नंबर से फेल कर दिया गया.


कैसे साबित किया कोर्ट में -


याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर पी सिंह ने तर्क दिया कि प्रारंभिक परीक्षा में एक सवाल पूछा गया था, जिसका उन्होंने सही जवाब दिया लेकिन आयोग ने उनके सही जवाब को गलत बताते हुए नंबर काट लिए. दरअसल प्रारंभिक परीक्षा में पूछा गया था कि आदि ब्रह्म समाज की स्थापना किसने की थी? इस सवाल का सही जवाब है केशव चंद्र सेन लेकिन आयोग ने देवेंद्र नाथ टैगोर को सही जवाब मानते हुए उम्मीदवारों के नंबर काट लिए.


याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से इतिहास पर आधारित पाठ्य सामग्री और कुछ लेखकों की पुस्तकों को हाई कोर्ट के सामने रखा जिसमें बताया गया कि आदि ब्रह्म समाज की स्थापना केशव चंद्र सेन ने की थी ना कि देवेंद्र नाथ टैगोर ने.
आयोग से मांगा गया जवाब -
हाईकोर्ट में जस्टिस सुश्रत धर्माधिकारी की बैंच ने याचिका में दिए गए तथ्यों को सही पाया और सभी उम्मीदवारों को पास कर पीएससी की मुख्य परीक्षा में शामिल करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही हाईकोर्ट में लोक सेवा आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.मामले पर अगली सुनवाई 4 अप्रैल को तय की गई है.


यह भी पढ़ें:


Maharashtra Sarkari Naukri: महाराष्ट्र के इस विभाग ने निकाली बंपर भर्ती, यहां जानें लास्ट डेट से लेकर चयन प्रक्रिया तक सारी जानकारी 


छत्तीसगढ़: डेंटल सर्जन के पदों पर निकली भर्ती, लाखों में होगी सैलरी