Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की सरकार ने फैसला किया है कि प्रदेश में अब देसी और विदेशी शराब की कोई नई दुकान नहीं खोली जाएगी. सरकार का मानना है कि इससे नशाबंदी को बढ़ावा मिलेगा. मंगलवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति को मंजूरी दी. जिसके तहत सरकार ने फैसला किया है कि प्रदेश के बड़े जिलों में चल रहे बड़े ठेकों को तोड़कर छोटा किया जाएगा ताकि इससे शराब के छोटे कारोबारियों को लाभ मिले. 


गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि सीएम ने शराब की उप दुकानें खोलने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि नई दुकानें नहीं खोली जाएंगी. यह नीति एक अप्रैल 2022 से लागू होगी. कैबिनेट ने फैसला किया है कि बॉटलिंग फीस में भी कोई बदलाव नहीं होगा.



अंगूर से शराब बनाने पर आबकारी फीस नहीं
दूसरी ओर गृह मंत्री ने बताया कि बीयर इकाई को किसी पंजीकृत कंपनी को लीज पर दे सकते हैं लेकिन उसका वार्षिक टर्न ओवर 5 करोड़ रुपये से कम नहीं होना चाहिए. बताया गया कि अंगूर से शराब बनाने की दशा में साल 2025-26 तक आबकारी फीस नहीं ली जाएगी और जामुन से वाइन बनाने अनुमति भी होगी. नई नीति में कहा गया है कि अब भोपाल और इंदौर में माइक्रोब ब्रेवरीज खोली जा सकती हैं. 


बता दें शराब की नई दुकानें ना फैसला ऐसे वक्त में लिया गया है जब पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने प्रदेश में शराबबंदी करने के लिए 15 जनवरी से अभियान चलने का वादा किया था. नई दुकानें ना खोले जाने के फैसले के बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में अवैध शराब को रोकने में सरकार नाकाम रही है इसलिए यह फैसला किया जा रहा है.


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