Madhya Pradesh News: नक्सलियों का हथियारबंद दस्ता संगठन पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) के 'नक्सल सप्ताह' की 22वीं सालगिरह की शुरूआत दो दिसंबर से हो रही है. इस दौरान संगठन ने बड़े पैमाने पर भर्ती की योजना बनाई है. इसका पर्दाफाश 30 नवंबर को मंडला-बालाघाट जिले की सीमा पर हॉक फोर्स के साथ हुई मुठभेड़ के बाद हुआ है. इस मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गए थे. इनके पास से बरामद कागजात से यह पता चला है कि नक्सली संगठन बड़े पैमाने पर भर्ती करने जा रहा है. उसने युवक-युवतियों से संगठन में भर्ती होने की अपील की है.
मुठभेड़ में मारे गए नक्सली कौन थे
मंडला-बालाघाट जिले की सीमा पर जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ की 148वीं बटालियन के संयुक्त ऑपरेशन में जो दो नक्सली मारे गए थे, उनकी पहचान 35 साल के गणेश मरावी और राजेश झिरम के रूप में हुई है. गणेश पर 35 और राजेश पर 15 मामले दर्ज थे. पुलिस ने दोनों की गिरफ्तारी पर कुल मिलाकर 43 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था.
पुलिस के मुताबिक बालाघाट के सुपखार वन क्षेत्र में नक्सलियों के सा हुई मुठभेड़ में बहुत सारा माओवादी दस्तावेज मिला है. पुलिस इन दस्तावेजों का अध्ययन कर रही है. इनमें मिले पर्चों में लिखा है, 'पीएलजीए में बड़ी संख्या में युवक-युवती भर्ती हो जाओ. मोदी की प्रतिक्रांतिकारी समाधान 2017-2022 राजनीतिक हमला मुर्दाबाद, शोषण और उत्पीड़न से भरी व्यवस्था को ध्वस्त करने के लिए पीजीएलए में भर्ती होकर जनयुद्ध तेज करो.'
अग्निवीर योजना को बताया गलत
नक्सलियों ने बेरोजगारी का हवाला देते हुए युवाओं को भावनात्मक रूप से गुमराह करके पीएलजीए से जोड़ने के लिए जंगल में पेड़ों पर पर्चे भी चिपकाए हैं. इन पर्चों में रोजगार के लिए किसी सकारात्मक समाधान की बजाय पीएलजीए में भर्ती होने के लिए युवक-युवतियों को उकसाया गया है. पीएलजीए ने सेना में कम समय के लिए भर्ती होने वाली योजना पर भी सवाल किया है. इस योजना पर सवाल खड़े करके नक्सलियों ने युवाओं को उकसाने की कोशिश की है. इस मुतभेड़ में नक्सलियों के पास से AK-47 से लेकर 315 बोर की राइफल बरामद हुई है.