Jabalpur News: 'पन्ना की तमन्ना है कि हीरा उसे मिल जाए' और पन्ना की यह आरजू देश की शीर्ष अदालत ने पूरी कर दी है. मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में स्थित एशिया की एकमात्र मैकेनाइज्ड हीरा खनन परियोजना को 23 माह बाद फिर हीरा खनन की अनुमति मिल गई है.अब तकरीबन दो साल बाद पन्ना की मझगवां स्थित खदान फिर हीरे उगलने लगेगी.बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और खजुराहो-पन्ना के सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने भी अदालत के इस फैसले पर खुशी जाहिर की है.


सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा है


देश की शीर्ष अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने बुधवार को राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (NMDC) को पन्ना में हीरा खनन पुनः शुरू करने की अनुमति दे दी है.यहां बता दें कि एनएमडीसी को यह खदान प्रारंभ करने के लिए वन्य जीव और पर्यावरण से जुड़ी एजेंसियों की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है.






गौरतलब है कि एनएमडीसी की ओर से पन्ना की मझगवां स्थित खदान को कई वर्षों से संचालित किया जा रहा था,लेकिन पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन से जनवरी 2020 में अनुबंध समाप्त होने पर हीरा माइंस का काम एक  जनवरी 2021 से बंद कर दिया गया था.खदान बंद हुई तो वहां कार्य करने वाले मजदूरों और स्टाफ में असंतोष फैल गया था.इसके बाद क्षेत्रीय सांसद विष्णुदत्त शर्मा तथा पन्ना विधायक एवं प्रदेश के कैबिनेट मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने मामले को केंद्र सरकार के सामने रखा था.


कितनी मंजूरियों की जरूरत थी


जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने कहा कि आवेदन के अवलोकन से पता चलता है कि आवेदक को पहले ही वन मंजूरी (Forest NOC) मिल चुकी है.वन्यजीव मंजूरी देने के प्रस्ताव पर विचार किया गया और मंजूरी के नवीनीकरण के प्रस्ताव पर भी अनुकूल रूप से विचार किया गया.ईआईए के तहत पर्यावरण मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है.इस कोर्ट के आदेश के बाद यहां बाघों की आबादी में इजाफा हुआ है,जो पहले जीरो हो गया था.


पन्ना के कलेक्टर संजय कुमार मिश्र ने मीडिया में सुप्रीम कोर्ट से खनन की अनुमति मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि मझगवां स्थित हीरा खनन परियोजना को दोबारा शुरू करने की अनुमति द्वारा प्रदान की गई है. इसके बाद उम्मीद है कि एक महीने में हीरा खनन का काम फिर शुरू हो जाएगा.वहीं,खजुराहो-पन्ना के सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने ट्वीट करके सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर की है.


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