MP News: लोग सीखेंगे हाथियों को भगाने का तरीका, मिर्च पाउडर वाले गोबर के कंडे जलाना जैसे उपाय शामिल
Bhopal News: गांवों के निवासियों को हाथियों को भगाने के आसान तरीके सिखाए जाएंगे. इनमें मधुमक्खियों की तेज भनभनाहट जैसी आवाज निकालने वाले यंत्रऔर मिर्च पाउडर युक्त गोबर के कंडों को जलाना शामिल है.
Bhopal News: फसलों को जंगली हाथियों के प्रकोप से बचाने और मानव-हाथी संघर्ष की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए छत्तीसगढ़ से सटे मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के गांवों के निवासियों को हाथियों को भगाने के आसान तरीके सिखाए जाएंगे. इन तरीकों में मधुमक्खियों की तेज भनभनाहट जैसी आवाज निकालने वाले ध्वनि यंत्रों का इस्तेमाल करना और मिर्च पाउडर युक्त गोबर के कंडों को जलाना शामिल है. मध्य प्रदेश के वन अधिकारियों ने यह जानकारी दी है.
वन विभाग ने एनजीओ से भी हाथ मिलाया
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) जेएस चौहान ने बताया कि जंगली हाथियों को रिहायशी इलाकों से दूर रखने के लिए इन इलाकों में सौर ऊर्जा से संचालित बाड़ें भी लगाई जाएंगी. मध्य प्रदेश वन विभाग ने पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ से प्रदेश के रिहायशी इलाकों में घुसकर लोगों पर हमला करने और फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले जंगली हाथियों को भगाने के वास्ते ग्रामीणों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) से भी हाथ मिलाया है.
जेएस चौहान ने कहा, ‘‘हम लोगों से कहेंगे कि वे हाथियों पर पत्थर न फेंकें या उनका सामना न करें, क्योंकि इससे वे उग्र हो सकते हैं.’’ एक अधिकारी ने बताया कि भारत में हाथियों की गणना के अनुसार, 2017 में मध्य प्रदेश में केवल सात हाथी थे. अब प्रदेश में हाथियों की संख्या बढ़कर 60 हो गई है. इसके अलावा, अन्य राज्यों से भी हाथी कभी-कभार भटककर यहां आ जाते हैं.’’ एक अन्य अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ से आने वाले 50 जंगली हाथी मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य में और शेष संजय-दुबरी बाघ अभयारण्य में बस गए हैं.
यह भी पढ़ें:- Sehore News: सीहोर में शख्स ने इच्छामृत्यु के लिए राष्ट्रपति को दिया आवेदन, न्याय नहीं मिलने से आहत
हाथियों के हमले से गई इतने लोगों की जान
वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे ने दावा किया कि हाथियों ने इस साल मध्य प्रदेश में आठ से अधिक लोगों को जान से मार डाला. हालांकि, सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हाथियों के हमलों में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या तीन है. इसमें शहडोल के दो और मंडला का एक व्यक्ति शामिल है. चौहान ने कहा, ‘‘हमें जंगली हाथियों के साथ रहना सीखना होगा. हाथियों के बारे में थोड़ी-सी समझ हासिल करने और संयम बरतने से हम इनके हमलों से होने वाले जान-माल के नुकसान को काफी हद तक रोक सकते हैं.’’
जेएस चौहान ने कहा कि ऐसा माना जाता है कि हाथियों को तेज रोशनी दिखाकर, पटाखे फोड़कर, मिर्च पाउडर से युक्त गोबर के कंडे जलाकर, मधुमक्खी जैसी तेज भनभनाहट वाली आवाज निकालकर और ढोल बजाकर भगाया जा सकता है. चौहान ने कहा, ‘‘हमारा विभाग कसौटी पर खरी उतरी आधुनिक तकनीकों को स्थानीय लोगों के साथ साझा करेगा. हम ‘हाथी मित्र दल’ (मानव-हाथी संघर्ष को नियंत्रित करने वाला समूह) का गठन करेंगे, जो वन विभाग के फील्ड स्टाफ को हाथियों के आने के बारे में जानकारी देगा. इससे हाथियों को रिहायशी इलाकों में घुसने और फसलों को नुकसान पहुंचाने से रोका जा सकेगा.''
यह भी पढ़ें:- Indore News: ईद मिलादुन्नबी पर बोले मंत्री तुलसी सिलावट- मोहम्मद साहब ने दुनिया को दिया एकता और भाईचारे का संदेश