Madhya Pradesh News: धार्मिक नगरी उज्जैन में प्रतिदिन 20,000 से ज्यादा यात्रियों का केवल उज्जैन रेलवे स्टेशन पर आवागमन होता है. ऐसी स्थिति में यहां पर रोको टोको अभियान का कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है. लोग बिना मास्क पहने रेलवे स्टेशन से गुजर रहे हैं. इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग का भी कोई पालन नहीं हो रहा है. ऐसे में उज्जैन में कोरोना का खतरा और भी बढ़ गया है.
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र, गुजरात में लगातार ओमिक्रोन के मरीज बढ़ रहे हैं. वहीं उज्जैन में सैकड़ों की संख्या में लोग महाराष्ट्र, गुजरात से आवागमन कर रहे हैं. उज्जैन रेलवे स्टेशन पर रोको-टोको अभियान का कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है. उज्जैन में मास्क नहीं पहनने पर ₹200 के स्पॉट फाइन के साथ-साथ केस दर्ज करने का आदेश भी है. उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा 4 दिन पहले ही आदेश दे दिया गया है, मगर अभी तक आदेश का कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है. लोगों में भी जागरूकता की कमी देखी जा रही है.
उज्जैन रेलवे स्टेशन पर जब अलग-अलग प्लेटफार्म पर जाकर यात्रियों से जानकारी ली गई तो यात्री इस पर बात करने से कतराने लगे.
पूछने पर कतराने लगे यात्री
निजामुद्दीन एक्सप्रेस में सवार होने आए तौसीफ अली ने बताया कि उनका मास्क सामान के साथ है. इसके अलावा अन्य कई लोग भी बिना मास्क के नजर आए. खास तौर पर रेलवे स्टेशन पर जीआरपी और आरपीएफ पर सुरक्षा का जिम्मा है. कोरोना काल में सुरक्षा एजेंसियों को भी नियमों का पालन कराना चाहिए, मगर यहां पर सुस्त इंतजाम नजर आए. रेलवे स्टेशन पर जब यात्रियों से मास्क के बारे पूछताछ की गई तो वे इधर-उधर भागते हुए भी नजर आए.
उज्जैन में शून्य हो चुका था कोरोना का ग्राफ
उज्जैन में कोरोना के मरीज का आंकड़ा शून्य पर पहुंच गया था लेकिन धीरे-धीरे फिर 25 मरीज सक्रिय होकर चिंता का विषय बने हुए हैं. अभी सभी मरीजों के जीनोम सिक्वेंस की रिपोर्ट आना भी बाकी है. जीनोम सिक्वेंस के रिपोर्ट आने के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि उज्जैन में ओमिक्रॉन के मरीज हैं या नहीं. लेकिन सार्वजनिक स्थानों पर अभी रोको टोको अभियान की बेहद आवश्यकता महसूस हो रही है.
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