MP News: मध्य प्रदेश के मौसम विभाग के उपनिदेशक वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि मंगलवार सुबह 8:43 बजे डिंडोरी में 4.3 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया है. जिसका हाइपो सेंटर 10 किलोमीटर की गहराई पर था. इस घटना से डिंडोरी के अलावा जबलपुर, मंडला, अनूपपुर, बालाघाट और उमरिया जिले भी प्रभावित हुए हैं. सिंह ने बताया कि यदि भूकंप की तीव्रता 5 से अधिक दर्ज की जाती है तो बड़ा खतरा पैदा हो सकता है. डिंडोरी में 4.3 तीव्रता का भूकंप आया, जो कि खतरे के मुहाने से वापस लौट गया. सबसे बड़ी बात यह है कि यह भूकंप 5 सेकंड के भीतर ही थम गया यदि 4 से 5 तीव्रता वाला भूकंप 15 सेकंड तक लगातार आता है तो नुकसान की संभावना बन जाती है. ऐसी स्थिति में कच्चे मकान और कमजोर दीवार गिरने की आशंका रहती है. मंगलवार को आए भूकंप में फिलहाल नुकसान का कोई मामला सामने नहीं आया है.
अभी पूरा खतरा टला नहीं
उपनिदेशक वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि आमतौर पर कई बार यह देखने में आया है कि भूकंप दोबारा रिपीट होता है. ऐसी आशंका 3 से 4 घंटे में बनती है. 24 घंटे के भीतर कई बार भूकंप आने की आशंका भी बनी रहती है, इसलिए अभी पूरी तरह खतरा टल गया है ऐसा नहीं कहा जा सकता है, लेकिन लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. उन्हें सतर्क रहने की जरूरत है. सिंह ने बताया कि भूकंप का सेंटर भी चेंज हो सकता है.
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मध्य प्रदेश के इन 4 संभागों में भूकंप का खतरा
जबलपुर होशंगाबाद शहडोल और इंदौर संभाग के जिले नर्मदा के किनारे स्थित है. 34 संभाग के जिलों में भूकंप की आशंका अधिक बनी रहती है. नर्मदा के दक्षिण में साफ चट्टाने हैं, जबकि उत्तर में पठारी चटाने है. इसके अलावा उमरिया में कोयले की खदान है और अनूपपुर पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है. चारों संभाग के अलग-अलग जिलों में कई प्रकार की खदानें हैं. जिसकी वजह से भूगर्भ में दरार आने की वजह से भूकंप की संभावना बनी रहती है. इसके अलावा बारिश के बाद यह आशंका बढ़ जाती है. दूसरों के माध्यम से पानी भूगर्भ में उतर जाता है जिसके बाद भूकंप की आशंका बन जाती है.