Madhya Pradesh News: अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के मौके पर मध्य प्रदेश फिर से टाइगर स्टेट का दर्जा रखने में बरकरार रहा है. बाघों के मामले में पहले पायदान पर मध्य प्रदेश है. जबकि दूसरे पर कर्नाटक और तीसरे पर उत्तराखंड का नंबर आता है. बीते 16 साल के आंकड़ों पर गौर करें तो 16 साल में प्रदेश में 485 बाघों में इजाफा हुआ है. बाघ स्टेट का दर्जा बरकरार रहने पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेशवासियों सहित वन विभाग को बधाई दी है.
राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि, अत्यंत हर्ष की बात है कि हमारे प्रदेशवासियों के सहयोग और वन विभाग के प्रयासों से चार वर्षों में हमारे प्रदेश में जंगल के राजा बाघों की संख्या 526 से बढ़कर 785 हो गई है. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के मौके पर सभी को एक बार फिर से प्रकृति संरक्षण का संकल्प दिलाया. सीएम ने कहा कि टाइगर स्टेट के साथ-साथ मध्य प्रदेश तेंदुआ और घड़ियाल स्टेट भी है. साथ ही गिद्ध और भेड़ियों की संख्या में भी हम आगे हैं. गिद्धों को पुर्नस्थापित करने की कोशिश जारी है.
किस प्रदेश में कितने बाघ
बता दें कि, बाघ स्टेट के मामले में पूरे देशभर में मध्य प्रदेश नंबर एक पर है. मध्य प्रदेश में 785 बाघ हैं. जबकि साल 2006 में बाघों की संख्या 300 थी. इसी तरह बिहार में 54 बाघ, उत्तराखंड में 560 बाघ, उत्तर प्रदेश में 205, आंध्रप्रदेश में 63, तेलांगना 21, छत्तीसगढ़ 17, झारखंड 1, महाराष्ट 444, ओडिशा 20, राजस्थान 88, गोवा 5, कर्नाटक 563, केरला 213, तमिलनाडु 306, अरुणांचल प्रदेश 9, असम 227, मिजारम 0, नागालैंड 0, पश्चिम बंगाल 2, उत्तर पूर्वी पहाड़ और ब्रह्मपुत्र 236, सुंदर वन में 101 बाघ है.
एमपी में कहां कितने बाघ?
बांधवगढ़ नेशनल पार्क में सबसे ज्यादा 165 तथा दूसरे नम्बर पर कान्हा नेशनल पार्क में 129 टाइगर है.जनगणना में पेंच में 123,पन्ना में 64,सतपुड़ा में 62 और संजय गांधी नेशनल पार्क दुबरी में 20 टाइगर काउंट किए गए है.