Jabalpur News:मध्य प्रदेश में शराब (Liquir) पर राजनीति का नशा कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) दोनों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है. दोनों एक-दूसरे पर शराब के बहाने राजनीतिक कटाक्ष कर रहे हैं. कांग्रेस के दिग्गज और पूर्व सीएम कमलनाथ (Kamalnath) द्वारा मध्य प्रदेश के मदिरा प्रदेश कहे जाने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) पलटवार तो किया ही है, उन्होंने इमोशनल कार्ड भी खेला है. उन्होंने कमलनाथ के इस बयान को प्रदेश के साढ़े आठ करोड़ नागरिकों के सम्मान से जोड़ दिया है.


सीएम का सवाल- आपने क्या किया?
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कमलनाथ ने मध्य प्रदेश को मदिरा प्रदेश कहकर साढ़े आठ करोड़ नागरिकों समेत हमारी संस्कृति, परंपरा और संस्कारों का अपमान कर किया है. बीजेपी ने जन भावनाओं और माताओं-बहनों के सम्मान को देखते हुए आबकारी नीति बनाई है. आप बताइये कि मुख्यमंत्री रहते हुए आपने क्या किया?


कांग्रेस ने शेयर किया पुराने ट्वीट का स्क्रीन शॉट
सीएम शिवराज सिंह चौहान के इस बयान पर कांग्रेस की तरफ से तुरंत पलटवार किया गया. कांग्रेस ने शिवराज सिंह चौहान के एक पुराने ट्वीट का स्क्रीन शॉट सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया, इसमें वे खुद भी कमलनाथ के शासनकाल में मध्य प्रदेश को मदिरा प्रदेश बता रहे हैं. कमलनाथ के मीडिया सलाहकार के पीयूष बबेले ने कहा कि शिवराज जी लगता है शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस का शिकार हो गए हैं. मध्य प्रदेश को मदिरा प्रदेश आपने अपने श्रीमुख से कहा था. आप अगर ऐसे स्मृति दोष का शिकार होंगे तो कैसे चलेगा. 'स्मृतिभ्रंशाद् बुद्धिनाशो, बुद्धिनाशात्प्रणश्यति' स्मृति के भ्रमित होने पर बुद्धि का नाश हो जाता है.


क्या है सीएम के पुराने ट्वीट में
यहां बता दे कि 12 जनवरी 2020 के अपने पुराने ट्वीट में शिवराज सिंह चौहान कह रहे है कि मध्य प्रदेश को कमलनाथ जी की कांग्रेस सरकार ने मदिरा प्रदेश बनाने का विनाशकारी फैसला लिया है. यह प्रदेश में शराब दुकान के साथ गांव-गांव में उपदुकान खोलकर प्रदेश को शराब के नशे में डुबोना चाहते हैं.
#मध्य प्रदेश या मदिरा प्रदेश


बीजेपी ने विरोध को सड़कों पर उतारा
बीजेपी ने कमलनाथ के मदिरा प्रदेश वाले बयान पर विरोध को सड़कों पर उतार दिया है. गुरुवार को जबलपुर सहित प्रदेश के कई जिलों में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कमलनाथ का पुतला भी जलाया. लेकिन, कांग्रेस के सीएम चौहान के पुराने ट्वीट के सामने लाने से बीजेपी का विरोध का दांव उलटा भी पड़ सकता है.


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