मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव (Madhya Pradesh Panchayat election) में ओबीसी आरक्षण (MP OBC reservation) को लेकर एक तरफ जहां राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में मॉडिफिकेशन ऑफ आर्डर (Modification Of Order) के लिए पिटीशन दायर करने की बात कर रही है तो दूसरी तरफ राज्य निर्वाचन आयोग सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार चुनाव कराने के लिए कमर कस चुका है. बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग (Election Commission) को बड़ा फैसला सुनाते हुए ओबीसी आरक्षण के बिना ही पंचायत चुनाव कराने के निर्देश दिए है.
सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा है
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से कहा है कि वो पंचायत चुनाव को लेकर 2 हफ्ते के अंदर अधिसूचना जारी करें. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मध्य प्रदेश में बिना ओबीसी आरक्षण के ही स्थानीय निकाय के चुनाव होंगे. कोर्ट ने इसके लिए राज्य चुनाव आयोग को दो हफ्ते में अधिसूचना जारी करने को कहा है. कोर्ट ने ये भी कहा कि पिछले दो साल से स्थानीय निकायों के करीब 23 हजार पद खाली पड़े हैं. हर पांच साल में चुनाव कराना सरकार का संवैधानिक दायित्व है. ओबीसी आरक्षण के ट्रिपल टेस्ट को पूरा करने के लिए और समय नहीं दिया जा सकता.
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने क्या कहा
वहीं अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने भी कह दिया है कि, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पालन करते हुए जल्द ही चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी. उन्होंने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पालन करते हुए आयोग जल्द ही अधिसूचना जारी करेगा. आयोग निकाय और पंचायत चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश की स्टडी करने के बाद अधिसूचना जारी कर दी जाएगी.
ओबीसी सीट जनरल मानकर चुनाव-निर्वाचन आयुक्त
मीडिया से बातचीत में बसंत प्रताप सिंह ने कहा कि राज्य सरकार के स्तर पर कुछ कार्यवाही बाकी रहेगी तो पुराने डीलिमिटेशन के आधार पर चुनाव हो सकते हैं. आरक्षण नहीं होने की स्थिति में ओबीसी सीट को जनरल मानकर चुनाव कराया जा सकता है. वहीं राज्य सरकार के मॉडिफिकेशन ऑफ आर्डर पिटीशन याचिका दायर करने की बात पर बसंत प्रताप सिंह ने कहा कि अगर कुछ बदलाव होता है तो उसका भी पालन करेंगे.