Panna के कलेक्टर पर हाईकोर्ट की गंभीर टिप्पणी, कहा- पॉलिटिकल एजेंट की तरह काम कर रहे, जानें क्या है पूरा मामला
Jabalpur: बता दें कि गुनौर उपाध्यक्ष चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की जीत हुई थी, लेकिन पन्ना कलेक्टर ने बीजेपी प्रत्याशी की शिकायत पर एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए उसे विजयी घोषित कर दिया था.
Jabalpur News: एक चुनाव याचिका पर सुनवाई के दौरान मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल ने पन्ना जिले के कलेक्टर को कड़ी फटकार लगाते हुए उनके खिलाफ तीखी टिप्पणी की है. ओपन कोर्ट में जस्टिस अग्रवाल ने कहा कि कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा पोलिटिकल एजेंट की तरह काम कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे अधिकारी इस पद पर कार्य करने के योग्य नहीं हैं.
कोर्ट ने कलेक्टर को क्यो लगाई फटकार
यहां बता दें कि पन्ना जिले के गुनौर जनपद उपाध्यक्ष चुनाव में विजयी प्रत्याशी का चुनाव रद्द करने का मामला मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की दहलीज में पहुंच गया है. कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार परमानंद शर्मा ने याचिका दायर करते हुए यह दलील पेश की कि पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा ने एक वोट से जीत दर्ज करने के बावजूद बीजेपी समर्थित राम शिरोमणि की अपील पर न केवल एक पक्षीय कार्रवाई की बल्कि उसे विजयी तक घोषित कर दिया.
पॉलिटिकल एजेंट की तरह काम कर रहे हैं कलेक्टर
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर अधिवक्ता मनोज शर्मा ने इस सिलसिले में जब साक्ष्य प्रस्तुत किए तो अदालत ने कलेक्टर को कड़ी फटकार लगाते हुए नोटिस जारी किए. याचिका में उन्हें भी पक्षकार बनाने के निर्देश दिए गए हैं. ओपन कोर्ट में जस्टिस विवेक अग्रवाल ने कहा कि कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा पॉलिटिकल एजेंट की तरह काम कर रहे थे. जस्टिस विवेक अग्रवाल ने 17 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई में कलेक्टर को भी मौजूद रहने के निर्देश दिए गए हैं.
ऐसे कलेक्टर इस पद पर रहने योग्य नहीं
याचिका में कहा कि 27 जुलाई को पन्ना के गुनौर जनपद उपाध्यक्ष का चुनाव हुआ था, जिसमें कांग्रेस समर्थित परमानंद शर्मा को 25 में से 13 वोट मिले थे और वह 1 वोट से जीत गए थे. इसके बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ने उन्हें विजयी प्रत्याशी होने का प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया था. इस बीच आनन-फानन में बीजेपी समर्थित राम शिरोमणि ने एक चुनाव याचिका कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत की जिस पर जल्द सुनवाई भी कर ली गई और उसके पक्ष में फैसला देते हुए उन्हें विजयी घोषित कर दिया गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल ने कलेक्टर की कार्यशैली पर कड़ा ऐतराज जताते हुए इतना तक कह दिया कि ऐसे कलेक्टर इस पद पर कार्य करने योग्य नहीं है.
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