Madhya Pradesh News: अगर धरती का स्वर्ग कश्मीर को कहते हैं तो मध्य प्रदेश को वाइल्ड लाइफ का स्वर्ग कहा जा सकता है. इसकी वजह वन्य प्राणी संरक्षण में मध्य प्रदेश का अग्रणी होना है. राज्य के वन विभाग के मुताबिक फिलहाल मध्य प्रदेश को चीता स्टेट, टाइगर स्टेट, घड़ियाल स्टेट, तेंदुआ स्टेट, भेड़िया स्टेट और गिद्ध स्टेट का गौरवशाली ताज मिला हुआ है. तभी तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बेहद गर्व से पर्यटकों को मध्य प्रदेश के शानदार वाइल्ड लाइफ देखने का आमंत्रण देते हैं. सबसे पहले बात करते है श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क की जिसे देश में चीता की पुनर्बसाहट के लिए चुना गया.
देश में अपनी तरह के पहले और अनूठे मिशन के तहत पांच मादा और तीन नर चीतों को भारत लाया गया. नामीबिया की राजधानी विंडहोक से कस्टमाइज्ड बोइंग 747-400 एयरक्राफ्ट से इन चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाकर छोड़ा गया. इन चीतों को इंटरनेशनल नॉट-फॉर-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन चीता कंजर्वेशन फंड (CCF), जिसका हेडक्वार्टर नामीबिया है और यह संस्था चीतों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है ने उपलब्ध कराया. इसी के साथ एमपी को चीता स्टेट( Cheetah State) का दर्जा भी मिल गया.
बाघों के लिए यहां का पर्यावरण बेहद खास
वहीं 526 बाघों (Tiger) के साथ मध्य प्रदेश के पास टाइगर स्टेट (Tiger State) का दर्जा भी बरकरार है. मध्य प्रदेश में 6 टाइगर रिजर्व हैं. यहां सतपुड़ा, पन्ना, पेंच, कान्हा, बांधवगढ़ और संजय-दुबरी टाइगर रिजर्व के अलावा 5 नेशनल पार्क और 10 सैंक्चुअरी हैं. टाइगर के लिए एमपी के पर्यावरण को बेहद मुफीद माना जाता है. पर्यटकों के बीच मध्य प्रदेश के टाइगर बेहद लोकप्रिय भी है. आम पर्यटकों के साथ तमाम नामी हस्तियां भी टाइगर का दीदार करने के लिए मध्य प्रदेश आते हैं.
तेंदुआ और भेड़िए के मामले में भी एमपी अव्वल
इसके साथ ही कैट प्रजाति के तेंदुआ (Leopard) को बेहद चालाक जानवर माना जाता है. ऐसे में मध्य प्रदेश में 3,427 तेंदुआ है, जिसकी बदौलत से इसे तेंदुआ स्टेट (Leoperd State) का दर्जा भी दिया गया है. तेंदुआ लगभग प्रदेश के हर कोने के जंगल में पाया जाता है. इसी तरह भेड़िया (Wolf) संरक्षण के मामले में भी मध्य प्रदेश अव्वल है. राज्य में भेड़िए की आबादी 772 है. इसके बाद राजस्थान का नंबर आता है, जहां संख्या 532 है. कहा जाता है कि मध्य प्रदेश की आबोहवा और यहां का वातावरण भेड़ियों को भी बहुत पसंद है. यही कारण है लगातार इस वन्यजीव का कुनबा बढ़ता जा रहा है और एमपी को भेड़िया स्टेट (Wolf State) का दर्जा मिला हुआ है.
मुरैना जिले में सबसे ज्यादा घड़ियाल
मुरैना जिले में चंबल नदी पर बने घड़ियाल अभयारण्य को घड़ियालों (Alligator) का स्वर्ग कहा जाता है. यहां पिछली गणना के मुताबिक बढ़कर 2,227 घड़ियाल होने की जानकारी मिली थी. इसके बाद बिहार की गंडक नदी का नंबर आता है, लेकिन वहां भी आंकड़ा तीन अंकों से ज्यादा नहीं है. जलीय जीव के संरक्षण और संवर्धन के कारण ही मध्य प्रदेश को घड़ियाल स्टेट (Alligator State) का तमगा मिला है.
इन जगहों पर पाए जाते हैं गिद्ध
मध्य प्रदेश गिद्ध (Vulture) के मामले में भी देश में सबसे आगे है. पिछली गणना के अनुसार एमपी में 9,448 गिद्ध मिले. इसी के चलते इसे गिद्ध स्टेट (Vulture State) का दर्जा हासिल है. भोपाल के केरवा इलाके में 2013 में गिद्ध संरक्षण और प्रजनन केंद्र बनाया गया था. इसे बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी और मध्य प्रदेश सरकार द्वारा संयुक्त तौर पर संचालित किया जा रहा है. मध्य प्रदेश में कुल सात प्रजातियों में गिद्ध पाए जाते हैं. इनमें से चार स्थानीय और तीन प्रजाति प्रवासी हैं, जो शीतकाल समाप्त होते ही वापस चली जाती हैं. प्रदेश में सबसे अधिक पन्ना, मंदसौर, नीमच, सतना, छतरपुर, रायसेन, भोपाल, श्योपुर और विदिशा में गिद्ध पाए गए हैं. इन जिलों के जंगलों में गिद्धों की संख्या तेजी से बढ़ी है.