पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के चार सदस्यों के खिलाफ एसटीएफ (STF) ने कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया था. इस बाद कोर्ट ने सभी को पांच दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया था. इनकी रिमांड बुधवार यानी 8 फरवरी को खत्म हो गई, जिसके बाद सभी आरोपियों को बुधवार को दोबारा न्यायालय में पेश किया गया, जहां से जिला कोर्ट ने चारों आरोपियों को 15 फरवरी तक न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेजने के आदेश दिए.
बता दें कि छह दिन पहले एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए पीएफआई के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया था. तभी से यह पुलिस रिमांड पर थे. कोर्ट ने इन्हें एक बार फिर न्यायिक हिरासत में रखने के निर्देश दिए हैं, जो 15 फरवरी का ज्यूडिशियल कस्टडी में ही रहेंगे. 15 फरवरी को ही इन्हें पुन: जिला कोर्ट में पेश किया जाएगा, इसी दिन औरंगाबाद से भी एक पीएफआई सदस्य को पेश किया जाएगा.
मुस्लिम युवाओं को उकसाने का है आरोप
गौरतलब है कि एसटीएफ ने पहली गिरफ्तारी धार जिले के मनावर से की थी. यहां से एसटीएफ की टीम ने गुलाम रसूल शाह को गिरफ्तार किया गया था. बताया जाता है कि गुलाम रसूल संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों के संपर्क था. रसूल पर मध्य प्रदेश में भ्रमण कर जिहाद के लिए मुस्लिम युवाओं को उकसाने का आरोप है.
गुलाब पर है भड़काऊ भाषण देने का आरोप
इसके बाद एसटीएफ ने भोपाल से गुलाम नबी उर्फ साजिद खान को गिरफ्तारी किया था. गुलाम नबी इंदौर का रहने वाला है. गुलाम नबी को पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल करीम बेकरी वाले का करीबी बताया जाता है. गुलाम नबी पर भी भड़काऊ भाषण देने का आरोप है. इसके बाद परवेज खान को महाराष्ट्र के औरंगाबाद से गिरफ्तार किया गया. आरोप है कि गिरफ्तार साजिद और रसूल संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ सीधे संपर्क में थे. आरोपी बासित गुपचुप तरीके से पीएफआई के लिए बड़ी रणनीति बना रहा था. बासित के मोबाइल से अन्य साथियों की जानकारी भी जुटाई गई है. मोबाइल से कुछ नंबर मिले है, जिनका बिहार और यूपी से कनेक्शन बताया जा रहा है.
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