Indore News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर (Indore) में 19 फरवरी को जिस बायो-सीएनजी संयंत्र (Bio-CNG Plant) का उद्घाटन करने वाले हैं, उसमें बने पर्यावरण हितैषी ईंधन (Eco Friendly Fuel) से हर रोज करीब 400 सिटी बसें (City ​​Bus) (शहरी लोक परिवहन वाहन) दौड़ाने की योजना बनाई गई है. प्रधानमंत्री की ऑनलाइन मौजूदगी में होने वाले उद्घाटन समारोह की तैयारियों में जुटे इंदौर नगर निगम (आईएमसी) के अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी.


अधिकारियों ने बताया कि, आईएमसी के देवगुराड़िया ट्रेंचिंग ग्राउंड पर 15 एकड़ में फैले बायो-सीएनजी संयंत्र सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत एक निजी कंपनी के लगभग 150 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित किया गया है. गौरतलब है कि, इस संयंत्र को आईएमसी द्वारा दक्षिण एशिया में अपनी तरह की सबसे बड़ी बायो-सीएनजी इकाई बताया जा रहा है.


उन्होंने बताया कि, यह संयंत्र हर दिन 550 टन गीले कचरे (फल-सब्जियों और कच्चे मांस का अपशिष्ट, बचा या बासी भोजन, पेड़-पौधों की हरी पत्तियों, ताजा फूलों का कचरा आदि) से करीब 19,000 किलोग्राम बायो-सीएनजी बना सकता है. इस ईंधन का एक हिस्सा शहर के 400 सिटी बसों में इस्तेमाल किया जाएगा. अधिकारियों ने बताया कि, यह बसें फिलहाल डीजल से चल रही हैं. इन वाहनों को चरणबद्ध तरीके से बायो-सीएनजी चलित बसों में बदला जाएगा. उन्होंने बताया कि, शहर में पहले चरण के दौरान 55 बायो-सीएनजी बसें इसी महीने चलाई जाएंगी.


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अधिकारियों के मुताबिक बायो-सीएनजी संयंत्र में आईएमसी के खजाने से कोई पूंजी नहीं लगाई गई है, बल्कि इसे गीला कचरा मुहैया कराने के बदले निजी कंपनी की ओर से शहरी निकाय को हर साल 2.5 करोड़ रुपये का प्रीमियम प्रदान किया जाएगा. अधिकारियों ने करार के हवाले से बताया कि, निजी कम्पनी द्वारा शहरी निकाय को संयंत्र से बेची जाने वाली बायो-सीएनजी का दाम, सामान्य सीएनजी की प्रचलित बाजार दर से पांच रुपये प्रति किलोग्राम कम रखा जायेगा.


अधिकारियों ने बताया कि, लगभग 35 लाख की आबादी वाले इंदौर में हर रोज औसतन 700 टन गीला कचरा और 400 टन सूखा कचरा निकलता है. शहर में दोनों तरह के अपशिष्ट के सुरक्षित निपटान की अलग-अलग सुविधाएं विकसित की गई हैं. अधिकारियों के मुताबिक, इंदौर का स्वच्छता मॉडल '3 आर' (रिड्यूज, रीयूज और रीसाइकिल) के सूत्र पर आधारित है. जिसकी बदौलत यह शहर केंद्र सरकार के स्वच्छ सर्वेक्षण में लगातार पांच सालों से देश भर में अव्वल बना हुआ है.


 


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