Madhya Pradesh OBC Reservation Politics: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में एक बार फिर अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण बढ़ाए जाने पर सियासी संग्राम छिड़ गया है. बीजेपी जहां ओबीसी को 35 प्रतिशत आरक्षण देने की वकालत करने लगी है तो वहीं कांग्रेस (Congress) गलत और झूठ आंकड़े पेश कराने के आरोप लगा रही है. राज्य में पहले से ही पिछड़े वर्ग के आरक्षण (Reservation) को 14 से 27 प्रतिशत कर यानी कि 13 प्रतिशत आरक्षण बढ़ाए जाने को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है. सत्ताधारी दल बीजेपी और विपक्षी दल कांग्रेस एक दूसरे पर ओबीसी विरोधी होने का आरोप लगा रहे हैं. ओबीसी का आरक्षण 14 से 27 प्रतिशत किए जाने के मामले के कारण ही राज्य के नगरीय निकाय और पंचायतों के चुनाव अधर में लटके हुए हैं.


पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग ने सौंपी है रिपोर्ट 
राज्य सरकार की तरफ से गठित पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग ने एक रिपोर्ट गुरुवार को सरकार को सौंपी है. इसमें नगरीय निकाय और पंचायतों के चुनाव में 35 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की अनुशंसा की गई है. साथ ही ये भी कहा गया है कि संविधान में संशोधन करने के लिए राज्य सरकार की ओर से केंद्र को प्रस्ताव भेजा जाए. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में 48 प्रतिशत मतदाता ओबीसी वर्ग से आते हैं.


हमलावर हो गई है कांग्रेस 
राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की इस रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस हमलावर हो गई है. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव का कहना है कि प्रदेश सरकार पिछड़ा वर्ग को लेकर गलत आंकड़े पेश कर रही है. प्रदेश में इस वर्ग की आबादी 56 फीसदी से ज्यादा है. बीजेपी सरकार पिछड़ों के साथ एक बार फिर धोखा देने का काम कर रही है. न्यायालय की फटकार के बाद सरकार ने जो आंकड़े प्रस्तुत किए हैं वो गलत हैं. प्रदेश में इस वर्ग की आबादी 56 प्रतिशत से ज्यादा है, उसी हिसाब से आरक्षण मिलना चाहिए.


बीजेपी ने कांग्रेस पर किया पलटवार 
कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए राज्य के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि, कांग्रेस पिछड़ा वर्ग का कल्याण नहीं चाहती है, वो तो सिर्फ दिखावा करती है. वास्तव में कांग्रेस को तो प्रदेश सरकार को धन्यवाद देना चाहिए कि जो काम उनकी सरकार नहीं कर पाई वो बीजेपी सरकार ने किया है. उन्होंने आगे कहा कि पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग से जो डाटा आया है उससे पिछड़ा वर्ग की जानकारी मजबूती के साथ न्यायालय में पेश की जाएगी. बीजेपी चाहती है कि ओबीसी को आरक्षण मिले, इसमें कांग्रेस किंतु परंतु कर रही है.


सुप्रीम कोर्ट ने किया है सरकार से सवाल
वहीं, दूसरी ओर नगरीय निकाय और पंचायतों के चुनाव में आरक्षण का मामला सर्वोच्च न्यायालय में चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से ओबीसी आरक्षण के मामले में ट्रिपल टेस्ट के मापदंडों को पूरा करने को लेकर सवाल किया है, जिसमें ओबीसी आरक्षण के लिए राजनीतिक, आर्थिक और शैक्षणिक आधार पर आरक्षण दिया जाना है.


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