MP News: दिल्ली (Delhi) की लाइफ लाइन बन चुकी मेट्रो रेल (Metro Rail) को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की मदद से चलाया जाता है. चौकिये मत, ये कोई मजाक नहीं बल्कि हकीकत है. मध्य प्रदेश के रीवा जिले में स्थापित देश की सबसे बड़ी 750 मेगावॉट क्षमता की अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना से दिल्ली की मेट्रो ट्रेन को गति मिल रही है. मध्य प्रदेश के लिये यह योजना मील का पत्थर साबित हुई है. इस योजना के निर्माण से राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय निवेशकों का मध्य प्रदेश के प्रति भरोसा बढ़ा है.
मध्य प्रदेश के नवीन व नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग ने बताया कि मध्य प्रदेश ने शानदार उपलब्धि हासिल करते हुए पिछले 12 सालों में ग्रीन ऊर्जा उत्पादन में 32 गुना प्रगति की है. लोकहित को सर्वोपरि मानते हुए प्रदेश में नवीन ऊर्जा के सुनियोजित विकास के लिये वर्ष 2010 में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग का गठन किया गया था.
मध्य प्रदेश के लिए मील का पत्थर साबित हुई है योजना- मंत्री डंग
मंत्री डंग ने बताया कि वर्ष 2010 में 160 मेगावॉट उत्पादित क्षमता से अब तक हम 5 हजार 152 मेगावॉट से अधिक नवकरणीय ऊर्जा प्रदेश में स्थापित कर चुके हैं. इसमें 2 हजार 444 मेगावॉट पवन ऊर्जा, 2 हजार 490 मेगावॉट सौर ऊर्जा, 119 मेगावॉट बायोमास ऊर्जा और 99 मेगावॉट लघु जल विद्युत परियोजना का योगदान शामिल है.
देश की वृहदतम 750 मेगावॉट क्षमता की रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना से दिल्ली की मेट्रो ट्रेन को गति मिल रही है. मध्य प्रदेश के लिये यह योजना मील का पत्थर साबित हुई है. इस योजना के निर्माण से राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय निवेशकों का मध्यप्रदेश के प्रति भरोसा बढ़ा है. मंत्री डंग ने कहा कि परंपरागत ऊर्जा उत्पादन से कार्बन उत्सर्जन, जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वॉर्मिंग की चुनौतियों के साथ कोयला भंडारों के समाप्त होने का भी खतरा मंडरा रहा है. सूर्य एवं पवन ऊर्जा ऐसे भंडार हैं, जिनका कितना भी दोहन किया जाए, कभी खत्म नहीं होंगे और इनसे मिलने वाली ऊर्जा स्वच्छ है.
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