Madhya Pradesh News: बारिश के मौसम में सब्जियों के भाव आसमान पर पहुंच गए हैं. बारिश के कारण किसानों की सब्जियों की फसलें खराब हो गई हैं, यही वजह है कि मध्य प्रदेश में राजस्थान और महाराष्ट्र से सब्जियों की सप्लाई हो रही है. सब्जियों में यदि बात भिंडी, लौकी, गिलकी, धनिया, मिर्ची, करेला, तुरई की हो या फिर खीरा ककड़ी की, मध्य प्रदेश में सभी के भावों में उछाल दिखाई दे रहा है. 


महंगाई की वजह थोक व्यापारी ने क्या बताया
सब्जी के थोक व्यापारी उत्सव सोलंकी के मुताबिक, बारिश के मौसम में हर साल सब्जियां खराब हो जाती हैं जिसकी वजह से एमपी में शॉर्टेज आ जाती है. इस बार भी बारिश की वजह से गोभी, भिंडी, लौकी, मेथी, धनिया आदि की फसलें खराब हो गईं हैं, जिसके कारण दूसरे प्रदेशों से आवक हो रही है. यही वजह है कि सब्जियों के भाव आसमान पर पहुंच गए हैं. कुछ सब्जियां तो दोगुने भाव पर बेची जा रही हैं. इससे आम लोगों की जेब ढीली हो रही है.


सब्जी व्यापारी ने मंहगाई के लिए किसे जिम्मेदार बताया
सब्जी व्यापारी सोनू लालवानी के मुताबिक जहां मिर्ची, करेला, लौकी, गिलकी महाराष्ट्र के नासिक से आ रही है तो वहीं राजस्थान के बड़ा नयागांव से भिंडी की आवक हो रही है. इसके अलावा निमाड़ के बड़वानी, राजपुर और छोटी खरगोन से भी सब्जियों की आवक हो रही है. ट्रांसपोर्टेशन बढ़ने की वजह से सब्जियों के भाव बढ़ गए हैं. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि अगस्त में सब्जियों के दाम में थोड़ी राहत मिलेगी. 


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नहीं बढ़े टमाटर के दाम 
सब्जी व्यापारियों के मुताबिक टमाटर की आवाक बेंगलुरु से हो रही है लेकिन इसके दाम में उछाल नहीं आया है. पहले भी टमाटर 30 से 40 रुपये किलो में बिक रहा था. अभी भी इसके दाम में कोई उछाल नहीं आया है. हर बार बारिश के दिनों में टमाटर ₹100 किलो तक पहुंच जाता है. 


सब्जियों के दाम (प्रति किलो)
बारिश के पहले जहां भिंडी ₹40 किलो बिक रही थी अब वह 60 से ₹80 पहुंच गई है. इसी तरह लौकी के भाव ₹15 से उछलकर 30 से ₹40 किलो पहुंच गए हैं. गिलकी 30 की जगह 70 से ₹80 किलो बिक रही है. धनिया भी ₹40 से ₹100 किलो पहुंच गया है. मिर्ची के भाव में ₹10 की तेजी आई है अब मिर्ची बाजार में ₹60 किलो तक बिक रही है. इसके अलावा करेला 30 से बढ़कर ₹60 किलो तक पहुंच गया है. तुरई ₹40 से ₹50 किलो बिक रही थी जो कि वर्तमान में ₹100 किलो पर पहुंच गई है. खीरा ककड़ी के भाव भी ₹10 से बढ़कर 30 रुपये किलो पहुंच गए हैं. 


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