MP News: मध्य प्रदेश में आदिवासियों के ऊपर अत्याचार कम होने का नाम नहीं ले रहे है. ताजा मामला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र रायसेन जिले के सिलवानी तहसील के ग्राम चैनपुर का है, जहां पुलिस एक आदिवासी युवक को गांव से जूते से मारते पीटते पुलिस चौकी ले गई और जो सुबह संदिग्ध मरा हुआ मिला है.


परिजनों ने पुलिस पर प्रताड़ना और हत्या करने का आरोप लगाया है. जिसका अब तीन डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम कर पुलिस के साये में अंतिम संस्कार किया. इस घटना की जानकारी मिलते ही पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर शिवराज सरकार पर सवाल उठाए.



गाड़ी में बिठाकर पुलिस चौकी ले गए
जिले के सिलवानी थाने की जैथारी पुलिस चौकी अंतर्गत ग्राम चैनपुर में शिव मंदिर में धार्मिक आयोजन किया जा रहा था. जहां श्रीराम आदिवासी और ग्राम सरपंच प्रतिनिधि पप्पू ठाकुर के बीच विवाद हो गया. जिसकी पुलिस को सूचना दी. जिस पर पुलिस ने मोके पर पहुंचकर आदिवासी को पकड़ कर जूतो से मारपीट की, स्थानीय ग्रामीणों ने भी बताया कि पुलिस मंदिर से स्कूल तक मारते पीटते लेकर आई और स्कूल के पास जूते से पिटाई कर गाड़ी में बिठाकर पुलिस चौकी ले गए. जिसमें बाद बीते रोज अचानक सुबह घर के बाहरी कमरे में संदिग्ध हालत में मृत मिला है. जिसे परिजन सिलवानी अस्पताल ले गये जहा डॉक्टर ने मृत घोषित कर पोस्टमार्टम किया गया और शाम को पुलिस की मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार किया गया है. 


'श्रीराम की मौत घर पर ही हुई है'
मृतक आदिवासी के भाई रामनरेश आदिवासी का कहना है कि मेरे छोटे भाई श्रीराम आदिवासी को पुलिस गांब से पकड़कर मारते पीटते ले गई थी और सुबह देखा तो बाहर के कमरे में मरा हुआ मिला है. चैनपुर में युवक की मौत के मामले को लेकर रायसेन पुलिस संदेह के घेरे में है. परिजनों ने पुलिस पर संगीन आरोप लगाए हैं. इधर सिलवानी पुलिस मामले की जांच कर रही हैं. इस संबंध में रायसेन एसपी विकास शाहवाल का कहना है कि सरपंच प्रतिनिधि पप्पू ठाकुर की शिकायत पर पुलिस युवक श्रीराम को चौकी पर लेकर आई थी. उसके बाद सरपंच प्रतिनिधि ने ही चौकी से ले जाकर उसे घर छोड़ दिया. श्रीराम की मौत घर पर ही हुई है. इसमें पुलिस का कोई मामला नहीं है. मर्ग कायम कर जांच में लिया गया है.


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