Ratlam's Army Jawan Martyr: रतलाम जिले के मावता में रहने वाले लोकेश कुमावत मणिपुर में सेवाएं देते हुए शहीद हो गए हैं. आज सैनिक सम्मान के साथ उनकी अंतिम विदाई होगी. इस खबर को सुनकर मावता और आसपास के गांवों में शोक की लहर है. साल 2019 में उज्जैन से देशभक्ति का जज्बा लेकर लोकेश कुमावत आर्मी ज्वाइन की थी. साल 2020 में उनकी ट्रेनिंग हुई थी. इसके बाद उन्हें इसी साल मणिपुर में पदस्थ किया गया था.
लोकेश कुमावत को उग्रवादी हमले के दौरान गुरुवार को गोली लगी थी
आधिकारिक सूत्रों से यह पता चला है कि लोकेश कुमावत को उग्रवादी हमले के दौरान गुरुवार को गोली लगी, जिससे वे शहीद हो गए. उनका पार्थिव शरीर कोलकाता से इंदौर एयरपोर्ट पहुंच गया है, जहां से शुक्रवार को शहीद के पार्थिव शरीर को अंतिम विदाई के लिए मावता ले जाया जाएगा. इसे लेकर प्रशासनिक और पुलिस विभाग के अधिकारियों की ओर से भी तैयारी कर ली गई है.
पिता को अधिकारियों ने दी सूचना
आपको बता दें कि पिपलोदा के समीप छोटे से गांव मावता के रहने वाले लोकेश शुरू से ही सेना में जाना चाहते थे. उनके परिवार के और भी सदस्य सेना में सेवाएं दे रहे हैं. लोकेश ढाई माह पहले जब छुट्टियों पर आए थे तो उनकी मां ने उनका विजय तिलक कर ड्यूटी के लिए रवाना किया था. गुरुवार को जब उनके पिता मुकेश कुमावत के पास प्रशासनिक अधिकारियों का फोन पहुंचा कि लोकेश शहीद हो गए तो उनके आंसू नहीं थमे.
बताया जाता है कि उनकी मां के अस्वस्थ होने की वजह से उन्हें लोकेश की अंतिम विदाई का समाचार भी नहीं दिया गया. आज सुबह से ही शहीद के घर पर आसपास के ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई है. देश भक्ति के नारों के साथ शहीद लोकेश कुमावत को अंतिम विदाई दी जाएगी. लोकेश का पूरा परिवार कृषि से जुड़ा हुआ है.
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