रीवा: खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही है लेकिन कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय पटल पर देश का नाम भले ही रोशन किया लेकिन अपने देश में उन्हें वो सम्मान और सुविधाएं नहीं मिल पाई जिनके वे हकदार थे.  मध्य प्रदेश के रीवा में भी एक पैरा एथलीट गरीबी से जूझ रहा है. आर्थिक तंगी की वजह से उसे सड़को पर आइसक्रीम बेचनी पड़ रही है.


पैरा एथलीट सचिन ने ब्रॉन्ज मैडल जीता था


ये पैरा एथलीट सचिन साहू हैं जो आज आइसक्रीम बेचने को मजबूर हैं. रीवा के सचिन साहू ने एथलेटिक्स की 20वीं नेशनल चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मैडल जीता था. दरअसल सचिन ने भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में हुई 4 हजार मीटर की रेस को 1.17 सेकंड में पूरा कर मेडल अपने नाम किया था.


सचिन के परिवार की माली हालत है खस्ता


सचिन साहू के परिवार की माली हालत ठीक नहीं है. उनके पित राम नरेश साहू और बड़े भाई भी कुल्फी का ठेला लगाते हैं ऐसे में 10वीं तक पढ़े सचिन साहू भी परिवार की मदद करने के लिए आइस्क्रीम का ठेला लगाने को मजबूर हैं. हालांकि सचिन साहू खेल में ही अपना करियर बनाना चाहते हैं. लेकिन सचिन के पास प्रैक्टिस के लिए न तो जूते हैं ना ही कोई और सुविधा.


सचिन ने सरकार से मदद की अपील की


वहीं सचिन कहते हैं कि, "सुविधाओं की कमी के बावजूद, मैंने 20वीं राष्ट्रीय पैरा-एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 400 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीता था. मैं सरकार से अपील करता हूं कि वह आगे खेलने के लिए मेरा समर्थन करे."



सचिन ने सरकार से मदद की अपील की है. अब देखने वाली बात होगी कि इस खिलाड़ी को सरकार द्वारा मदद पहुंचाई जाती है या नहीं. फिलहाल तो सचिन सड़कों पर आइसक्रिम बेचकर गुजारा करने को मजबूर हैं.


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