Ujjain: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) बुधवार को उज्जैन (Ujjain) पहुंचे, यहां पहुंच कर सबसे पहले उन्होंने महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Mandir) में भगवान महाकाल (Bhagwan Mahakal) का आशीर्वाद लिया. इस दौरान उन्होंने भगवान का पंचामृत पूजन भी किया. भगवान महाकाल का दूध, दही, जल, शहद से अभिषेक करने के बाद संघ प्रमुख महाकाल में चल रहे सुजलाम जल महोत्सव में शामिल होने पहुंचे. 


सुजलाम जल महोत्सव में मोहन भागवत ने महाकाल में 60 किलो चांदी से बनाए गए जल स्तंभ का अनावरण किया. संघ प्रमुख आज पर्यावरण पर भारतीय ज्ञान परंपरा आधारित समकालीन विमर्श स्थापित करने के लिए पंचमहाभूत के जल तत्व पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित करेंगे. यह सेमिनार इंदौर रोड पर एक निजी रिसोर्ट में आयोजित किया जा रहा है. कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मंगलवार को ही केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत उज्जैन पहुंच गए थे. वे भी कार्यक्रम में शामिल होंगे. 


5 दिसंबर से चल रहा है सुजलाम जल महोत्सव
सुजलाम जल महोत्सव का सबसे बड़ा आकर्षण महाकालेश्वर मंदिर बना हुआ है. महाकालेश्वर मंदिर में 5 दिसंबर से सुजला महोत्सव चल रहा है. इस महोत्सव में महाकालेश्वर मंदिर के पंडित और पुरोहित भी शामिल हो रहे हैं. इसके अलावा राजनीतिक हस्तियां भी कार्यक्रम में हिस्सा ले रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कार्यक्रम का हिस्सा बन चुके हैं. 


ये है सुजलाम जल महोत्सव का उद्देश्य
मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल और नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 29 दिसंबर को समापन समारोह में शामिल होंगे. सम्मेलन 'सुमंगलम' नामक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला का हिस्सा है. इसका उद्देश्य प्रकृति के पांच मूल तत्वों या 'पंचमहाभूत' - पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और अंतरिक्ष की शुद्धता को सुरक्षित रखने की अनूठी भारतीय अवधारणा को प्रस्तुत करना है. पर्यावरण संकट पर भारत सहित पूरी दुनिया में चिंता जताई जा रही है. पर्यावरण संरक्षण के लिए पंचतत्वों को समझने और व्यापक निति बनाने के मकसद से देश में सुमंगलम अभियान शुरू किया गया है.


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