Rajya Sabha MP Sumitra Valmiki: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में नगरीय निकाय चुनाव (MP Nagar Nigam Election) के प्रचार पर सागर पहुंचीं बीजेपी राज्यसभा सांसद सुमित्रा वाल्मीकि (Rajya Sabha MP Sumitra Valmiki) के सर्किट हाउस में बिना अनुमति कमरा बदलने के मामले में डीएम ने एक कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया है. वहीं सिटी मजिस्ट्रेट को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. सांसद सुमित्रा वाल्मीकी ने सर्किट हाउस का कमरा बदले जाने को लेकर नाराजगी जताई थी. इसका वीडियो भी वायरल हुआ था.
सिटी मजिस्ट्रेट कारण बताओ नोटिस
सागर के डीएम दीपक आर्य ने इस मामले में कार्यवाही की है. डीएम के आदेश के अनुसार लोकनिर्माण विभाग के सर्किट हाउस क्रमांक 1 में राज्यसभा सांसद सुमित्रा वाल्मीकि का कमरा उनकी अनुपस्थिति में बदला गया. इसको लेकर सांसद ने नाराजगी जताई है. यह कृत्य प्रोटोकॉल का उल्लघन है. उन्होंने सर्किट हाउस के केयर टेकर हरि प्रसाद कोरी को निलंबित कर दिया है. एक दूसरे आदेश में सत्कार अधिकारी और सिटी मजिस्ट्रेट सपना त्रिपाठी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इस मामले में दो दिन के भीतर जवाब जवाब मांगा गया है.
क्या है मामला
सांसद सुमित्रा वाल्मीकि रविवार को बीजेपी के महाजनसंपर्क अभियान और वाल्मीकि समाज के कार्यक्रम में हिस्सा लेने सागर आई थीं. बीजेपी प्रबंधन ने दलित वर्ग में मतदाताओं से बीजेपी के पक्ष में जनसपंर्क के लिए बुलाया था. उनको आज सर्किट हाउस में रोका गया. जब वे प्रचार अभियान से वापस लौटी तो उनका कमरा बदल दिया गया था. महिला सांसद से बगैर पूछे उनका सामान उठाकर दूसरे कमरे में शिफ्ट कर दिया. वहां उनका सामान बिखरा था. इसको देखकर सुमित्रा बाल्मीकि ने कर्मचारियों को जमकर लताड़ लगाई और कहा कि सांसद का प्रोटोकॉल नहीं जानते. किसके कहने पर सामान हटाया. किसी महिला का सामान इस तरह फेंका जाता है. इसी दौरान बताया गया कि किसी मंत्री के आने का कारण इसे खाली कराया गया. इसको लेकर वे अपमानित महसूस कर रही थीं. इस पूरे घटनाक्रम के वीडियो भी वायरल हो गए हैं.
कांग्रेस ने बताया था अपमान
उधर कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाते हुए अनुसूचित जाति वर्ग का अपमान बताया था. कांग्रेस के मुताबिक बीजेपी की सरकार में राज्यसभा सांसद जैसे गरिमामय पद पर बैठी वाल्मीकि समाज की महिला नेत्री सावित्री वाल्मीकि को उनकी ही सरकार और प्रशासन द्वारा बेइज्जत किया है. साथ ही कमरे से बाहर निकालने का कृत्य संपूर्ण वाल्मीकि समाज और महिला जाति का घोर अपमान है. सरकार और प्रशासन के इस कृत्य से अनुसूचित जाति और महिला वर्ग के प्रति बीजेपी का दोगला चेहरा उजागर हुआ है. इस मामले में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए.
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