जबलपुर: हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को सकट चौथ या संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है.इस दिन भगवान श्रीगणेश को तिल के लड्डुओं का भोग लगाया जाता है. इसके साथ ही उनकी पूजा कर उनसे सुख-समृद्धि और प्रसन्नता का वरदान लिया जाता है.
इस बार संकष्टी चतुर्थी 10 जनवरी 2023 को है.ज्योतिषाचार्य सौरभ दुबे के मुताबिक इस बार सकट चौथ या संकष्टी चतुर्थी पर तीन शुभ योग बन रहे हैं.सर्वार्थ सिद्धि योग,प्रीति योग और आयुष्मान योग बन रहे हैं.ये तीनों ही अत्यन्त शुभ योग माने गए हैं. यदि इस दिन विधिवत तरीके से गजानन गणपति की पूजा की जाए तो निश्चित रूप से समस्त कष्टों से मुक्ति मिल जाएगी.पंचांग के अनुसार सकट चौथ तिथि 10 जनवरी 2023 को सुबह 9:28 बजे से शुरू होगा. इसका समापन अगले दिन 11 जनवरी 2023 को दिन 11:16 बजे होगा.
शुभ योग इस प्रकार हैं
- सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 7:30 बजे से 9:12 बजे तक.
- प्रीति योग: प्रात:काल से सुबह 10:47 बजे तक.
- आयुष्मान योग: सुबह 10:47 बजे से आरंभ होकर पूरे दिन रहेगा.
भद्रा भी रहेगी
सकट चौथ या संकष्टी चतुर्थी पर भद्रा भी रहेगी.सूर्योदय से प्रातः 9:28 बजे तक भद्रा रहेगी.इस दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. शुभ चौघड़ियों में पूजा-पाठ आदि किए जा सकते हैं.
इन चीजों का लगाएं भोग
तिल चतुर्थी पर भगवान श्रीगणेश को तिल से बने पकवानों जैसे रेवड़ी,गजक आदि का भोग लगाएं.ऐसा करना संभव न हो तो थोड़े से तिल और गुड़ को मिलाकर भी भोग लगा सकते हैं.इसके अलावा मौसमी फल जैसे केले का भोग भी श्रीगणेश को लगा सकते हैं.इससे भी आपके जीवन में खुशहाली बनी रहेगी.
इन वस्तुओं का करें दान
संकष्टी चतुर्थी को तिल चतुर्थी भी कहते हैं.इस दिन तिल से बनी चीजों का दान विशेष रूप से करना चाहिए.गजक,रेवड़ी,तिल-गुड़ आदि का दान शुभकारी होगा.इसके अलावा गर्म कपड़ों जैसे कंबल, रजाई, स्वेटर आदि का दान भी जरूरतमंदों को इस दिन करना चाहिए.सुगंधित फूल या वृक्षों का दान करें.इससे श्री गणेश जी की कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी.
श्री गणेश जी का अभिषेक करें
संकष्टी चतुर्थी पर भगवान श्रीगणेश का अभिषेक शुद्ध जल से करें.इसमें थोड़ी हल्दी भी मिला सकते हैं.ऐसा करने से गुरु ग्रह से संबंधित शुभ फल भी आपको प्राप्त होंगे.अभिषेक करते समय गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ भी करते रहें.इस उपाय से आपके घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी.
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