Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (Satpura Tiger Reserve) में हाथियों के कुनबे में इजाफा होने जा रहा है. एसटीआर में पहले जहां छह हाथी थे तो अब यह संख्या बढ़कर 10 होने जा रही है. कर्नाटक से एसटीआर के लिए विशेष विमान से चार हाथी लाए जा रहे हैं. यह चारों हाथी विशेष रूप से प्रशिक्षित हैं. इनमें कृष्णा व गजा नाम की हथनी रेस्क्यू करने में माहिर है. बता दें कि कर्नाटक के मैसूर से हाथी लाए जा रहे हैं. इन हाथियों को लेकर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व का दल कर्नाटक (Karnataka) से रवाना हो चुका है. क्षेत्र के संचालक एल कृष्णमूर्ति की देखरेख में 1,119 किलोमीटर का सफर तय कर यह हाथी एसटीआर पहुंचेंगे. इन हाथियों को हर 200-300 किलोमीटर पर विश्राम दिया जा रहा है.
रूट मैप पहले से तैयार
बता दें कि कर्नाटक से 1,199 किलोमीटर का सफर तय कर यह हाथी पिपरिया के अंजनढाना पहुंचेंगे. विशेष विमान से आ रहे हाथियों को हर 200-300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जंगलों में आराम दिया जा रहा है. इसके लिए पहले से ही सतपुड़ा टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने रूट मैप तैयार किया है. इन जंगलों में हाथियों के भोजन की व्यवस्था पहले से ही गई है. इधर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में आने वाले नए मेहमानों की मेहमाननवाजी के लिए भी एसटीआर ने विशेष इंतजाम किए हैं. इन मेहमानों की आवभगत में इन्हें गुड़, चना, गन्ना और टिक्कड़ भोजन के रूप में दिया जाएगा.
छह से बढ़कर 10 होंगे हाथी
बता दें कि सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में पहले से ही छह हाथी मौजूद हैं, हालांकि कर्नाटक के मैसूर से चार हाथी और आने के बाद यहां हाथियों की संख्या दस हो जाएगी. कर्नाटक से लाए जा रहे इन नए मेहमानों को पहले अंजनढाना के बाड़े में रखा जाएगा और फिर कुछ दिनों बाद मढ़ई कैंप में लाया जाएगा.
रेस्क्यू और वजन ढोने में माहिर
कर्नाटक से लाए जा रहे यह चारों ही हाथी विशेष रूप से प्रशिक्षित हैं. इन हाथियों में दो नर और दो मादा हैं. इन हाथियों के नाम कृष्णा, पूजा, गजा और मारिसा हैं. चारों ही हाथी विशेष रूप से प्रशिक्षित हैं. कृष्णा और गजा वन्यप्राणियों का रेस्क्यू करने में माहिर हैं, जबकि पूजा और मारिसा कई क्विंटल वजन को आसानी से ढो सकती हैं. इस मामले में टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर एल कृष्णा मूर्ति के अनुसार चार हाथियों को लेकर कर्नाटक से रवाना हो चुके हैं. यह हाथी एक दिन बाद ही पिपरिया पहुंच जाएंगे.