Christmas Day Special: मध्यप्रदेश का सबसे खूबसूरत चर्च है All Saint's Church, 27 साल में बन कर हुआ था तैयार, जानिए इस से जुड़ी दिलचस्प बातें
सीहोर के ऐतिहासिक ऑल सेंट्स चर्च सीवन नदी के किनारे स्थित है. यह चर्च मध्य प्रदेश का एक ऐतिहासिक चर्च है.कहा जाता है कि ये 27 साल में बनकर तैयार हुआ था.
सीहोर: आज क्रिसमस डे मनाया जा रहा है. इस मौके पर आपको ऐसे चर्च के बारे में बताते हैं, जिसे लेकर कहा जाता है कि ये 27 साल में बनकर तैयार हुआ था. इस चर्च को स्कॉटलैंड के ऐतिहासिक चर्च की कॉपी कहा जाता है. क्रिसमस को देखते हुए यहां भी सजावट और तैयारियां देखते ही बन रही हैं.
ऑल सेंट्स चर्च मध्य प्रदेश का ऐतिहासिक चर्च है
सीहोर के ऐतिहासिक ऑल सेंट्स चर्च सीवन नदी के किनारे स्थित है. यह चर्च मध्य प्रदेश का एक ऐतिहासिक चर्च है. इसका निर्माण ब्रिटिश शासनकाल मैं सन 1868 में सीहोर में पदस्थ पोलिटिकल एजेंट जे डब्लू ओसबोर्न ने कराया था. इसी प्रकार का चर्च स्कॉटलैंड में था. लाल पत्थरों का यह चर्च मध्य भारत का पहला चर्च था. यह चर्च सीहोर जिले की एक महत्वपूर्ण आकर्षक इमारतों में से एक है इस चर्च में ब्रिटिश काल के फौजी अधिकारी प्रार्थना हेतु एकत्रित होते थे क्योंकि सीहोर तत्कालीन ब्रिटिश शासन की छावनी थी. यह चर्च पुरातत्व विभाग द्वारा संग्रहित इमारतों की सूची का एक हिस्सा है और अपनी भव्यता एवं सौंदर्य के कारण पूरे प्रदेश के आकर्षण का केंद्र है.
खास लकड़ी से बनी हैं चर्च की बैंच
सीहोर का ऐतिहासिक ऑल सेंट्स चर्च पत्थर का बना हुआ है. चर्च की बेंच ऐसी लकड़ी से निर्मित हैं जो करीब 152 वर्ष बाद भी यथास्थिति में है. इसकी बैठक संख्या करीब 100 लोगों की है. चर्च परिसर का क्षेत्रफल एक एकड़ है और इसकी व्यवस्था एवं रखरखाव का कार्य चर्च कमेटी करती है. इस चर्च की ख्याति सुनकर ब्रिटिश पॉलिटिकल एजेंट की पांचवी पीढ़ी के इंग्लैंड निवासी बैरिस्टर निकोलसन तथा उनकी बैरिस्टर पत्नी अलेक्जेंड्रिया ने 2004 में सीहोर आकर अपने परदादा द्वारा निर्मित चर्च के दर्शन किए थे. इसे देख कर वह दोनों बहुत खुश हुए थे. वास्तव में यह चर्च सीहोर की आस्था और अध्यात्म की अमूल्य निधि है.
भोपाल रियासत का पहला चर्च
जानकार बताते हैं कि यह भोपाल रियासत का पहला चर्च है. ऑल सेंट्स चर्च भोपाल रियासत का पहला चर्च था, इसीलिए इस चर्च में भोपाल और उसके आसपास रहने वाले अंग्रेज अधिकारी अक्सर प्रार्थना के लिए आया जाया करते थे. कई दशक बीत जाने के बाद भी यह चर्च काफी आकर्षक है जो देखने में ऐसा लगता है, जैसे कुछ साल पहले ही बना हो.
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