सीहोर: शहर के विकास का जिम्मा संभालने वाली नगर पालिका का खजाना खाली हो गया है. न विकास के लिए बजट है न ही अधिकारी-कर्मचारियों की तनख्वाह देने के लिए है. वहीं नगर पालिका का लंबे समय से करीब साढ़े 14 करोड़ रुपये संपत्तिकर, जल टैक्स व दुकानों का किराया लोगों पर बकाया है. ऐसे में बकाया टैक्स की वसूली के लिए अब नगरपालिका के अधिकारियों की टीम ने कमर कस ली है. इसके तहत कार्रवाई के पहले दिन नगर पालिका की टीम ने 18 दुकानों से करीब सवा लाख की वसूली की. जबकि कई लोगों ने दो से तीन दिन का समय मांगा है.
सोमवार से पालिका की 46 सदस्यीय टीम ने वसूली अभियान किया शुरू
जानकारी के अनुसार सीहोर नगर पालिका का लोगों पर पानी के टैक्स का 5 करोड़ 50 लाख, संपत्तिकर का 8 करोड़ 50 लाख और दुकान किराया का 40 लाख रुपये लंबे समय से बकाया है. इस संबंध में पालिका ने करीब तीन माह पहले नगर के 35 वार्ड में अलग-अलग शिविर लगाए थे, जिसमें नपा अमले ने शिविर के साथ ही घर-घर दस्तक देकर वसूली अभियान चलाया था, लेकिन नोटिस की कार्रवाई होने के बाद भी जब बकायादारों ने राशि जमा नहीं की तो सोमवार से पालिका की 46 सदस्यीय टीम ने वसूली अभियान शुरू किया है.
अभियान के पहले दिन एक लाख 24 हजार रुपये की वसूली हुई
इस दौरान बड़े बकायादारों पर कुर्की की भी कार्रवाई की जाएगी. हालाकि वसूली अभियान के पहले दिन 400 में से 18 दुकानों के बड़े बकायादारों से 40 लाख रुपये वसूलने अमला पहुंचा, जहां एक लाख 24 हजार रुपये की वसूली ही हो सकी है. जबकि अधिकतर लोगों ने बकाया कर जमा करने के लिए दो से तीन दिन का समय मांगा है. बता दें कि नगरपालिका की वसूली की कार्रवाई एक दिसंबर तक लगातार चलेगी.
तय समय में कर जमा न करने पर कुर्की की कार्रवाई होगी
वहीं नगर पालिका के राजस्व अधिकारी रमेश यादव ने बताया कि संपत्तिकर, जलकर व दुकानों का किराया वसूलने के लिए 46 अधिकारी-कर्मचारियों को अमला लगाया गया है, जिसमें दुकान का किराया और संपत्ती कर वसूलने आठ-दस लोगों की टीम और जलकर वसूलने के लिए 24 कर्मचारियों की टीम का गठन किया गया है. यदि तय समय में बकाया राशि जमा नहीं कराई तो कुर्की की कार्रवाई की जाएगी. लोगों से अपील है कि कुर्की की कार्रवाई से बचने के लिए समय पर बकाया जमा कराएं.
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