Sehore News : समाज से परेशान पिता ने आंगनबाड़ी को मकान दान देना चाहा, सीएम से लगाई ये गुहार
Sehore News : समाज से परेशान आकर व्यक्ति ने अपना मकान आंगनबाड़ी के लिए दान करना चाहा है ताकि बच्चियां बचपन से होनहार हों. इसके लिए उन्होंने सौ रुपए के स्टांप पर घोषणा की है.
Sehore News : एक शख्स ने महिला बाल विकास विभाग को अपना पक्का मकान आंगनबाड़ी के लिए दान करने की सूचना मकान की दीवार पर चपका दी है. उक्त व्यक्ति का यह कदम क्षेत्र के नागरिकों में चर्चाओं का विषय बना हुआ है. उक्त शख्स ने वाकायदा 100 रुपए के स्टांप पर इसकी नौटरी के साथ घोषणा की है. यही नहीं महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा मकान का अधिग्रहित नहीं किए जाने पर सीएम हेल्प लाईन 181 पर शिकायत भी दर्ज कराई है.
हालांकि इस विचित्र मामले को लेकर स्वयं महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी उलझन में बने हुए है क्योंकि विभाग के पास इस तरह से मकान लेने की कोई पॉलिसी नहीं है. यही नहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी पत्र लिखकर समाज द्वारा मिले त्रिस्कार और विभिन्न घटनाओं को लेकर मकान को सरकारी संपत्ति घोषित करने की गुहार लगाई गई है.
घर में अब घुट रहा है दम
आखिर वह मकान शासन को क्यों देना चाहते है इस को लेकर खटीक मोहल्ला अम्बेडकर नगर वार्ड संख्या 11 में स्थित मकान में रहने वाले जानी सोनकर ने कहा की मैंने 22 साल पहले अन्य समाज की महिला से प्रेम विवाह कर लिया था. मेरा समाज इससे बुरी तरह नाराज हो गया था. मुझे समाज से बेदखल कर दिया गया था. बड़ी बेटी की शादी भी समाज ने होने नहीं दी. जिस के बाद दरिंदों ने मिलकर मेरी नाबालिक बेटी की आबरू लूट ली. मुझे भी छुरा मारकर लहु लुहानकर दिया. अदालत के कानून ने गुनाहगारों को जमानत दे दी. जिस के बाद घर में हमारा अब दमघुट रहा है. अब मोहल्ले में इज्जत नहीं बची है. मुझे, मेरी पत्नी व बच्चों को ताने कसकर मानसिक प्रताडऩा दी जा रही है. यह लोग हमें जीने नहीं दे रहे हैं. हम कहीं भी रह लेंगे लेकिन इन असामाजिक लोगों के बीच में नहीं रहेंगे.
मुख्यमंत्री से प्रार्थना
इस मकान को हमें बेचना नहीं है. किसी को निजी रूप से देना भी नहीं है. इसलिए 35X60 क्षेत्रफल का 25 लाख का मकान शासन को आंगनबाड़ी खोलने के लिए दे रहे हैं. जिस से बच्चों और महिलाओं के लिए बेहतर काम लगातार क्षेत्र में जारी रहे और बच्चियां बचपन से हीं होनहार बने. उनके साथ किसी भी प्रकार की गलत घटना नहीं हो.
अनुसूचित जाति के परिवार के साथ हुई घटना में शासन के द्वारा दी जाने वाली मदद राशि भी हम लेना नहीं चाहते हैं. इस राशि को भी वापस शासन को बच्चियों के कल्याण के लिए देना चाहते हैं. पुलिस प्रशासन ने घटना के समय पुरा सहयोग किया है. कानून और सरकार से कोई नाराजगी नहीं है. बस मुख्यमंत्री से एक हीं प्रार्थना है जमानत पर छूटे गुनाहगार मुकुल खटीक, मनीष खटीक एवं सन्नी खटीक, प्रभात सोनकर. अभिषेक राठौर. आकाश जाटव जैसे दुष्कर्मी दरिंदों सहित सभी को कड़ी सजा दिलाई जाए.
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