MP News: मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के बदरवास में कियोस्क संचालक को उसके घर में परिवार सहित बंधक बना लिया. बंधक बनाकर तीन हथियारबंद बदमाशों ने 45 लाख रूपए लूटने की घटना को अंजाम दिया. घटना बीती रात की बताई जा रही है. तीन बदमाशों ने कियोस्क संचालक को एटीएम में रूपए फंसे होने का बहाना कर नीचे बुलाया और फिर बंधक बना लिया. संचालक के घर के नीचे एटीएम मशीन है. उसमें कैस भरने के लिए रखे हुए 45 लाख रुपए लुटेरे लूटकर ले गए हैं.


कैसे बनाया बंधक
एसबीआई बैंक के सामने रहने वाले कियोस्क संचालक विजय सिंघल ने बताया कि उसके घर के नीचे ही उसका कियोस्क सेंटर है. उसमें पास की एक दुकान में हिताची कंपनी का एटीएम लगा हुआ है. ऊपर की मंजिल पर वह परिवार के साथ रहते हैं. रात करीब 11 बजे तीन लोग यहां आए और उसके कियोस्क के बाहर लिखे विजय सिंघल के नंबर पर कॉल किया. कॉल पर कहा कि हमारे एटीएम में रूपए फंस गए हैं. आप आकर थोड़ा मदद कर दो. इस पर विजय नीचे की मंजिल पर गए और जैसे ही नीचे आकर चैनल खोला तो विजय के हाथ पैर बांध दिए. विजय की आवाज सुनकर उसकी पत्नी पूजा आईं तो उसे भी बंधक बना लिया.


रिफिल का टेंडर विजय के पास
इसके बाद लुटेरे उन्हें ऊपर की मंजिल पर ले गए यहां विजय के बच्चों को भी बांध दिया. इसके बाद अलमारी की चाबी लेकर घर की तलाशी शुरु की. नीचे स्थित एटीएम में रूपए रिफिल करने का टेडंर भी विजय के पास है. एटीएम के साथ कियोस्क के रूपए मिलाकर घर से 45 लाख रुपए रखे हुए थे. दो बैगों में बदमाश रूपए भरकर ले गए. तीनों ने अपने चेहरों के नकाब से ढक रखा था.


पुलिस ने दी जानकारी
बताया जा रहा है कि इनमें एक चेहरा विजय ने देखा है लेकिन वह बदमाश अनजान था. फिलहाल पुलिस फरियादी को साथ लेकर आसपास बदमाशों की तलाश कर रही है. विजय ने बताया कि तीन में से दो बदमाशों के पास माउजर थी. वह लोग दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर भी अपने साथ ले गए हैं. कियोस्क संचालक विजय के बेटे युग की रस्सी थोड़ी ढीली थी. जिससे उसने खुद को मुक्त कर लिया. इसके बाद उसने सभी लोगों को खोलो. बाद में इसकी सूचना पुलिस को दी. शिवपुरी एसपी राजेश सिंह चंदेल का कहना कि अभी तलाश की जा रही है. ऐसा अनुमान है कि इसमें कोई लोकल बदमाश शामिल होगा.


ये भी पढ़ें-


MP News: राजधानी भोपाल में पांच महीने बाद भी नहीं आ सकी शराब सैंपलों की जांच रिपोर्ट, अफसरों के पास नहीं है कोई जवाब


Bhopal News: भोपाल के इस विश्वविद्यालय से हिंदी में सकेंगे पढ़ डॉक्टरी, पुस्तकों को तैयार करने का काम शुरू