MP News: मध्यप्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त और साल 2030 तक मलेरिया मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है. यह घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में की. उन्होंने इस मौके पर 2052 नई 108 एम्बुलेंस को प्रदेश के विभिन्न जिलों के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
'जिंदगी बचाने का अभियान'
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि संजीवनी 108 एंबुलेंस वास्तव में संजीवनी की तरह कार्य करती है. बीमार, घायल या दुर्घटनाग्रस्त को अगर समय पर अस्पताल पहुंचाकर इलाज मिल जाए तो उसका जीवन बचाया जा सकता है. संजीवनी 108 एंबुलेंस लोगों का जीवन बचा कर अपने संजीवनी नाम को चरितार्थ कर रही हैं. नवीन एंबुलेंस वाहनों के संचालन का लोकार्पण कार्यक्रम वास्तव में लोगों की जिंदगी बचाने का अभियान है.
मुख्यमंत्री चौहान ने भोपाल में लाल परेड ग्राउंड भोपाल में आपातकालीन एम्बुलेंस सेवाओं के विस्तार के लिए एकीकृत रेफरल ट्रांसपोर्ट प्रणाली में 108 संजीवनी एम्बुलेंस और जननी एक्सप्रेस के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग उपस्थित थे.
2052 एंबुलेंस को दिखाई हरी झंडी
मुख्यमंत्री चौहान ने सिंगल क्लिक से "एमपी 108 संजीवनी" एप भी लॉन्च किया. उन्होंने 2052 एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर विभिन्न जिलों के लिए रवाना किया और एबुलेंस चालक राम पांडे, शिवम कुशवाह और सचिन अग्रवाल को एम्बुलेंस की चाबी सौंपी. बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के बजट में इस वर्ष 29 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. प्रत्येक 25 हजार की आबादी पर मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक शुरू किए जाएंगे. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त और वर्ष 2030 तक मलेरिया मुक्त करने का लक्ष्य है.
सीएम शिवराज ने कहा कि प्रदेश के 38 जिला चिकित्सालयों में सीटी स्केन मशीनों ने कार्य करना शुरू कर दिया है. प्रदेश में चिकित्सकों की नियुक्ति का अभियान जारी है. हाल ही में 374 चिकित्सकों को नियुक्त किया गया है. मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों से ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देने का आहवान किया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में राज्य सरकार द्वारा विद्यार्थियों को मेडिकल की पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है, इन विद्यार्थियों को ग्रामीण क्षेत्र में तीन साल तक सेवाएं देना होंगी.
नि: शुल्क हो डायलिसिस
प्रदेश में 196 डायलिसिस मशीनों से नि:शुल्क डायलिसिस किया जा रहा है. जिला चिकित्सालयों और सिविल अस्पलातों में डिजिटल एक्स-रे व्यवस्था करा दी गई है. आगामी वर्ष तक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर भी डिजिटल एक्स-रे की सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी. बता दें कि एमपी 108 संजीवनी एप के माध्यम से नि:शुल्क एम्बुलेंस बुलवाई जा सकेगी. आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए आवश्यकतानुसार अस्पतालों की मैपिंग की गई है. आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए एप में अस्पतालों की सूची और अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं का विवरण भी दिया गया है.
इसी प्रकार 1050 जननी एक्सप्रेस एंबुलेंस का संचालन होगा. एंबुलेंस सेवा के लिए विकसित 108 कॉल सेंटर में अब 110 सीटों की उपलब्धता होगी. यह लोगों की जिंदगी बचाने का काम करेगी. एम्बुलेंस पहले मात्र शासकीय अस्पताल के लिए उपलब्ध थी. अब यह आयुष्मान योजना के दो करोड़ 82 लाख परिवारों के लिए भी उपलब्ध रहेगी. निजी अस्पताल में भर्ती होने के लिए भी शुल्क देकर एम्बुलेंस बुलाई जा सकेगी.
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