Cow Tax in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की सरकार काउ सेस (Cow Cess) लगाने की तैयारी कर रही है. सीएम ने मंत्रालय में आयोजित मध्य प्रदेश गौ-पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को योजना बनाने के निर्देश दिए हैं. इस टैक्स से मिलने वाले रुपयों के जरिए प्रदेश सरकार गौशालाओं में गाय के चारे की व्यवस्था करेगी. शुरुआत में रजिस्ट्री, शराब, वाहनों पर सेस लगाने की तैयारी है. इसके साथ ही सभी सरकारी दफ्तरों में गौ-फिनायल का उपयोग होगा.  


कमलनाथ सरकार ने भी बनाई थी योजना
मध्य प्रदेश में गाय उपकर नई बात नहीं है. इससे पहले 15 महीने की कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने भी इसकी योजना बनाई थी. उस समय बात आगे नहीं बढ़ सकी. अब शिवराज सिंह चौहान सरकार इसको आगे बढ़ाने जा रही है. गुरुवार को मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश गौ-पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को इस संबंध में योजना बनाने का आदेश दिया. प्रदेश में 20वीं पशु संगणना के अनुसार 1 करोड़ 87 लाख 50 हजार गौ-वंश हैं. इनके संरक्षण के लिए प्रभावी योजना बनाने की जरूरत है. बैठक में मध्य प्रदेश गौ-पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे. 


छह गौशालाएं होंगे प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक में कहा है कि आगर-मालवा जिले के सालरिया गौ-अभयारण्य को आदर्श रूप में विकसित कर अखिल भारतीय स्तर पर सबसे अच्छा गौ-अभयारण्य बनाया जाए. अभयारण्य को विकसित करने के लिए राज्य के योग्य सामाजिक संगठन को जिम्मेदारी दी जाए. उन्होंने ये भी कहा कि प्रदेश में गौ-शालाओं के विकास की जिम्मेदारी स्वयंसेवी संगठनों को मिले.  स्वयंसेवी संगठन सेवाभाव रखकर गौ-शालाओं को अच्छी तरह विकसित कर सकते हैं. उन्होंने अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं की तरफ से संचालित गौ-शालाओं को अनुदान देने के निर्देश दिए. उन्होंने प्रदेश की छह गौ-शालाओं को प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में विकसित करने की भी बात कही.


प्रदेश में 2200 गौ-शालाओं का किया जाेगा निर्माण 
मुख्यमंत्री ने जबलपुर जिले के गंगईवीर में गौ-वंश वन विहार की स्थापना का फरमान सुनाया. उन्होंने कहा कि गंगईवीर में पशुपालन विभाग की 530 एकड़ भूमि पर क्रमबद्ध तरीके से दो हजार गौ-वंश को आश्रय दिया जा सकेगा. प्रदेश में गौ-वंश एवं नंदी की नस्ल सुधार के विशेष प्रयास किए जाएंगे. ज्यादा दूध देने वाले गौ-वंश पर अनुसंधान करने के निर्देश भी दिए. उन्होंने गौ-उत्पादों के विक्रय के लिए विशेष व्यवस्था बनाने और ज्यादा से ज्यादा प्रचार करने को भी कहा. मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्रदेश में 2200 गौ-शालाएं बनाई जाएंगी. गौ-शालाओं के संचालन का कार्य समाजसेवी संस्थाओं को सौंपा जाएगा. गौ-अभयारण्य को गौ-पर्यटन का केन्द्र बनाया जाएगा. इसके लिए पर्यटन विभाग ने कार्य शुरू कर दिया है. प्रदेश में बंद किए गए 8 गौ-सदन फिर से शुरू किए जाएंगे. मुख्यमंत्री चौहान ने म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड, मण्डी बोर्ड आदि से प्राप्त राशि एवं व्यय की गई राशि का अनुमोदन किया. 


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