MP News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सिंगरौली (Singrauli) में एक व्यक्ति एम्बुलेंस न मिल पाने के बाद अपने मृत नवजात शिशु को मोटरसाइकिल से बंधे थैले में रखकर जिलाधिकारी के कार्यालय पहुंचा. इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सोनभद्र (Sonbhadra) जिले के निवासी दिनेश भारती ने आरोप लगाया कि सिंगरौली जिला अस्पताल के एक चिकित्सक ने उसकी पत्नी को प्रसव से पहले कुछ जांच के लिए एक निजी क्लीनिक में भेज दिया. जहां दंपति से अल्ट्रासाउंड जांच के नाम पर कथित तौर पर 5,000 रुपये लिए गए. उसने बताया कि उसकी पत्नी ने सोमवार को जिला अस्पताल में एक मृत बच्चे को जन्म दिया.


भारती ने आरोप लगाया कि उसने जब अपनी पत्नी और मृत बच्चे को घर ले जाने के लिए एम्बुलेंस मांगी तो अस्पताल के कर्मचारियों ने उसकी मदद नहीं की. सिंगरौली के जिलाधिकारी राजीव रंजन मीणा ने कहा कि उपमंडलीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के नेतृत्व वाला एक दल आरोपों की जांच करेगा और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.


गर्भवती महिला को निजी क्लीनिक भेजने का आरोप


दिनेश भारती की पत्नी की डिलीवरी कराने के लिए लेकिन पहले यहां पदस्थ स्टाफ ने अस्पताल की डाक्टर सरिता शाह ने प्रसव कराने के बजाय गर्भवती महिला को निजी क्लीनिक भेज दिया और 5 हजार रुपए भी लिए गए. लेकिन जब उन्हें यह पता चला कि बच्चे की गर्भ में ही मौत हो चुकी है तो उसे वापस जिला अस्पताल भेज दिया और वहां उसके डिलीवरी करवाई गई. 


मृत बच्चे की कराई गई डिलीवरी


मृत बच्चे का जब जन्म हुआ तो परिजनों ने एंबुलेंस की मांग की ताकि अपने बच्चे को अपने गांव ले जाकर उसका अंतिम संस्कार कर सकें तो परिवार जनों को इस बेलगाम सिस्टम ने एंबुलेंस तक नहीं दी जिसके बाद पिता दिनेश भारती मृत बच्चे को अपनी मोटरसाइकिल की डिक्की में डालकर कलेक्ट्रेट पहुंच गए और कलेक्टर को अपनी फरियाद सुनाई जिसके बाद कलेक्टर ने जांच के एसडीएम को तुरंत आदेश दिए हैं.


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