Siyasi Scan: नौ बार सांसद और वर्तमान विधायक कमलनाथ तिहाड़ जेल में बंद संजय गांधी की देखभाल के लिए जज से ही लड़ लिए थे. इस मामले में कमलनाथ को सात दिन के लिए तिहाड़ भेज दिया गया था. मध्य प्रदेश कांग्रेस के सरताज कमलनाथ का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था. कमलनाथ पिछली तीन पीढ़ियों से गांधी परिवार के अहम सदस्य हैं. गांधी परिवार के संजय गांधी से कमलनाथ की गहरी दोस्ती थी. स्कूली शिक्षा कमलनाथ और संजय गांधी ने एक साथ की थी. कहा जाता है कि बचपन से ही इंदिरा गांधी कमलनाथ को अपना तीसरा बेटा मानती थीं.
जब जज से उलझ गए थे कमलनाथ
साल 1979 में इमरजेंसी के बाद देश में जनता पार्टी की सरकार बनी. संजय गांधी को एक मामले में कोर्ट ने तिहाड़ जेल भेज दिया था. तिहाड़ जेल में बंद सजय गांधी की देखभाल के लिए इंदिरा गांधी खासी चिंतित थीं. अपनी मां समान इंदिरा गांधी की इस चिंता को दूर करने के लिए कमलनाथ ने एक प्लानिंग रची. इस प्लानिंग के तहत उस दौर में कमलनाथ जान बूझकर एक जज से लड़ गए थे और जज ने अवमानना के मामले में कमलनाथ को तिहाड़ जेल भेज दिया था.
फिर और विश्वनीय हुए कमलनाथ
इंदिरा गांधी की चिंता दूर करने के लिए कमलनाथ द्वारा उठाए गए इस कदम के बाद कमलनाथ गांधी परिवार के और करीबी हो गए. गांधी परिवार का कमलनाथ पर और अटूट विश्वास हो गया. यहीं से कमलनाथ की सियासी पारी की शुरुआत हुई. अपने जीवन काल में कमलनाथ नौ बार सांसद चुने गए, जबकि वर्तमान में वे छिंदवाड़ा से विधायक हैं. साल 2018 के विधानसभा चुनावों में 15 साल पुरानी बीजेपी को सत्ता से हटाकर कांग्रेस प्रदेश की सत्ता में काबिज हुई. कमलनाथ एमपी के सीएम बने, हालांकि कमलनाथ 15 महीने ही सत्ता का सुख भोग सके. वर्तमान में कमलनाथ ही मध्य प्रदेश कांग्रेस के सरताज हैं. साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव भी कमलनाथ के चेहरे पर ही लड़ा जा रहा है.
सुंदरलाल पटवा ने रोका था विजय रथ
बता दें साल 1980 में पहली बार कमलनाथ सांसद चुने गए थे. तब से लेकर कमलनाथ नौ बार सांसद चुने गए, जबकि वर्तमान में छिंदवाड़ा से विधायक हैं. हालांकि अपनी सियासी कार्यकाल में एक बार कमलनाथ को भी हार का सामना करना पड़ा. बीजेपी से सुंदरलाल पटवा ने कमलनाथ का विजय रथ रोक दिया था. साल 1997 में कमलनाथ को सुंदरलाल पटवा के सामने हार का सामना करना पड़ा. बहरहाल कांग्रेस में कमलनाथ का कद नहीं घटा, बल्कि बढ़ता ही गया.
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