MP News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के एक दर्जन से ज्यादा जिले में सोयाबीन (Soyabean) की फसल पर संकट में आ गई है. मौसम की बेरुखी के कारण किसानों का नुकसान होना शुरू हो गया है. दूसरी तरफ मध्य प्रदेश पर अल्पवृष्टि का खतरा बढ़ गया है.  राज्य के विदिशा (Vidisha), रतलाम (Ratlam), उज्जैन (Ujjan), इंदौर (Indore), नर्मदा पुरम (Narmada Puram), खंडवा (Khandwa), धार, मंदसौर, सीहोर, बैतूल, खरगोन (Khargone) और हरदा जिले में सोयाबीन की प्रमुख रूप से फसल की जाती है. कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक राज्य में इस साल 53 लाख हैक्टेयर भूमि पर सोयाबीन की फसल की बुआई की गई है.


मध्य प्रदेश में मौसम विभाग की बार-बार संभावनाओं के बावजूद वर्षा नहीं हो रही है. जिसकी वजह से किस संकट में आ गए हैं. मंदसौर के किसान धर्मराज के मुताबिक यदि एक-दो दिनों में बारिश नहीं हुई तो सोयाबीन की फसल पर काफी बुरा असर पड़ जाएगा. अभी नुकसान होना शुरू हो गया है. पिछले 15 दिनों से बारिश नहीं हुई है. वर्तमान में पूरे इलाके में किसानों को बारिश का इंतजार है. उज्जैन के किसान प्रभु लाल के मुताबिक सोयाबीन के पत्ते मुरझाने लग गए हैं. इसके अलावा फल भी नहीं लग रहा है. वर्तमान में अच्छी बारिश होने की संभावना जताई जा रही थी लेकिन इंद्र देवता की कृपा नहीं होने से सोयाबीन की फसल खराब हो रही है.


गेहूं की फसल पर भी संकट 
यदि आने वाले दिनों में भी बारिश नहीं होती है तो गेहूं की फसल भी किसानों के लिए मुसीबत बन जाएगी. अभी जमीन का जलस्तर भी ऊपर नहीं उठा है, ऐसी स्थिति में यदि भविष्य में गेहूं की फसल लगाई जाती है तब भी पानी की कमी किसानों के लिए परेशानी की वजह बन जाएगी. किसान रोज बारिश के लिए मन्नत मांग रहे हैं.


खेत में पानी छोड़ने पर भी हो सकता नुकसान
किशन गोपी लाल के मुताबिक यदि फिलहाल बारिश नहीं होती है तो ऐसी स्थिति में फसल बचाने के लिए किसानों को अपने खेत में बोरिंग और कुएं से पानी की सप्लाई करना पड़ेगी. यदि वह अभी सिंचाई कर देता है और बारिश भी पड़ जाती है तो ऐसी स्थिति में फसल पर और भी बुरा असर पड़ जाएगा. किसानों को अभी यह समझ नहीं आ रहा है कि वह अन्य किसी माध्यम से सिंचाई करें या नहीं. 


मौसम विभाग के आंकड़े
मौसम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक मध्य प्रदेश के कई जिलों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है. इनमें झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, मंदसौर, आगर मालवा, शाजापुर, राजगढ़, गुना, अशोक नगर, भोपाल, ग्वालियर, छतरपुर, दमोह, सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, बालाघाट, नीमच, उज्जैन, सीहोर, टीकमगढ़ आदि जिले शामिल है. 


कोहरे के कारण मिल रही है थोड़ी राहत
मध्य प्रदेश के उज्जैन संभाग में कुछ स्थानों पर सुबह कोहरा छा रहा है. धुंध की वजह से हल्की-फुल्की बूंदे फसलों की पत्तियों पर गिर रही हैं. किसानों के मुताबिक अभी से थोड़ी सी राहत जरूर पहुंच रही है. फसलों को बचाने के लिए तेज बारिश होना बहुत जरूरी है.


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