MP No.1 in Renaming Cities: बीते कुछ सालों से देश के अंदर शहरों कस्बों और स्थानों के नाम बदलने को लेकर एक अलग ही बहस छिड़ी हुई है. इस बहस में सबसे पहला नाम उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का आता है, लेकिन यदि आंकड़ों पर नजर डालें तो मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) ने उत्तर प्रदेश को इस मामले में पीछे छोड़ दिया है. मध्य प्रदेश में सबसे अधिक संख्या में शहरों के नाम बदले गए हैं. लोकसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में प्राप्त जानकारी के अनुसार पूरे देश में मध्य प्रदेश ने तेजी से नाम बदलने के मामले में पहला स्थान प्राप्त किया है. मध्य प्रदेश के अंदर अभी तक नियमानुसार 3 शहरों के नाम बदले गए हैं और कई शहरों और कस्बों के नाम बदलना प्रस्तावित बताया जा रहा है. मुख्य रूप से बिरसिंहपुर पाली का नाम 2018 में मां बिरासिनी धाम, होशंगाबाद का नाम 2021 में नर्मदापुरम और बाबई का नाम 2021 में ही माखननगर कर दिया गया.
केंद्र के पास लंबित हैं कई प्रस्ताव
इसके अलावा मध्य प्रदेश की संस्कारधारी जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट का नाम बदलने का प्रस्ताव भी केंद्र सरकार को भेजा गया है. इस एयरपोर्ट का नाम रानी दुर्गावती के नाम पर करने का प्रस्ताव रखा गया है. इसके अलावा हाल ही में भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर भी रानी कमलापति के नाम पर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन कर दिया गया था. इसके मुख्यमंत्री के गृह जिले और उनकी स्वयं की विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली तहसील नसरुल्लागंज का नाम बदलने का प्रस्ताव भी केंद्र सरकार को भेज दिया गया है. नसरुल्लागंज को उसके पुराने नाम भेरूंदा करने का प्रस्ताव पारित किया गया है.
मध्य प्रदेश में नाम बदलने को लेकर कई बार कांग्रेस और बीजेपी के बीच तीखी बहस देखी गई है, लेकिन फिर भी बिना किसी शोर-शराबे के मध्य प्रदेश के अंदर नाम बदलने की सियासत जारी है. इस सूची में कई कस्बों और जिलों के नाम भविष्य में शामिल होने की संभावना है.
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