MP News: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की मांग- केंद्र सरकार वापस ले प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट, काशी-मथुरा को लेकर किया बड़ा दावा
Madhya Pradesh में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, 1947 के बाद 1966 में इसमें परिवर्तन किया जा सकता है तो 2022 में क्यों नहीं? केंद्र प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट खत्म करने के लिए अध्यादेश लाए.
देश में मंदिर-मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद के बीच शारदा द्वारिका एवं ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती (Swami Swaroopanand Saraswati) के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने काशी ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की शाही मस्जिद को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट को वापस लेने की मांग की है. मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने कहा कि प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट केंद्र सरकार को अध्यादेश लाकर वापस लेना चाहिए.
2022 में परिवर्तन क्यों नहीं-अविमुक्तेश्वरानंद
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि, काशी और मथुरा में मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई है. जहां तक प्लेसेस ऑफ वॉरशिप एक्ट का मामला है यथास्थिति बनाए रखने के लिए अंतरिम समाधान रहा होगा. जब 1947 के बाद 1966 में इसमें परिवर्तन किया जा सकता है तो फिर 2022 में क्यों नहीं हो सकता? स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि केंद्र सरकार प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट को खत्म करने के लिए अध्यादेश लाए.
ये काम भी कर चुके हैं अविमुक्तेश्वरानंद
यहां बता दे कि, अविमुक्तेश्वरानंद ने गुरुवार को छिंदवाड़ा में हिन्दू मंदिरों में साईं बाबा की मूर्ति लगाने का भी विरोध किया था. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के विशेष प्रतिनिधि हैं. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के दौरान उन्होंने कई मंदिर तोड़े जाने का विरोध किया था. वहीं छत्तीसगढ़ के कवर्धा में सनातन धर्म के ध्वज को हटाने के विरोध में हजारों लोगों के साथ रैली निकालकर ध्वज को स्थापित भी किया था.
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