Madhya Pradesh Tehsildar Reader Arrested: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में इस समय लगातार लोकायुक्त की टीम सक्रिय दिखाई दे रही है. आए दिन सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के यहां छापे मारे जा रहे हैं और रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए कर्मचारी अफसर पकड़े जा रहे हैं. मध्य प्रदेश के भिंड (Bhind) जिले में भ्रष्टाचार (Corruption) चरम पर पहुंच रहा है. यही वजह है कि एक के बाद एक लोकायुक्त (Lokayukta) की कार्रवाई यहां देखने को मिल रही है. खासकर जिले के गोहद में हालत सबसे ज्यादा खराब हैं. सोमवार दोपहर भी अचानक ग्वालियर लोकायुक्त की टीम ने गोहद तहसीलदार कार्यालय में पदस्थ नायब तहसीलदार के रीडर को रंगे हाथों रिश्वत (Bribe) लेते हुए गिरफ्तार किया है.


मांगी 15 हजार रुपये की रिश्वत
कार्रवाई करने पहुंची लोकायुक्त की टीम ने रीडर मनीष शर्मा द्वारा टुडीला गांव रहने वाले फरियादी नेतराम कुशवाह से 15 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी. कार्रवाई करने आए लोकायुक्त अधिकारियों ने बताया की फरियादी द्वारा शिकायत दर्ज कराई गयी थी कि उनकी जमीन जिले के तुडीला गांव में स्थित है लेकिन उसके बंटवारे के लिए उन्होंने जिला पंचायत गोहद में आवेदन दिया था. लम्बे समय तक काम को अटका कर रखा गया. इसके बाद एंडोरी नायब तहसीलदार के रीडर मनीष शर्मा द्वारा उनसे बंटवारा कराने को लेकर 15 हजार की रिश्वत मांगी.


रंगे हाथों गिरफ्तार
पीड़ित ने मामले की शिकायत ग्वालियर लोकायुक्त से की जिसपर टीम ने वॉइस रिकॉर्डर के जरिए आरोपी रीडर को गोहद जिले से ही ट्रैप करने का प्लान बनाया. तय रणनीति के तहत फरियादी नेतराम कुशवाह गोहद पहुंचा और आरोपी से बातचीत की जिसके बाद आरोपी रीडर ने उसे अपने साथ कर में बिठाया और उसके कुछ समय बाद कर से उतार दिया. इसी बीच उसने 10 हजार रुपये फरियादी से कार में ही रखवा दिए. जिसके बाद लोकायुक्त ने ट्रैप करते हुए रीडर को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है.


भीड़ ने किया विरोध 
गौरतलब है कि, रीडर की गिरफ्तारी के समय तहसीलदार कोर्ट में काफी भीड़ थी. ऐसे में कोर्ट परिसर में इकट्ठा भीड़ विरोध करने लगी. लोकायुक्त निरीक्षक राघवेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि जब लोगों ने विरोध किया तो हमने पूरा घटनाक्रम लोगों को बताया कि किस तरह रीडर घूस की मांग कर रहा था. इसके बाद किसी ने विरोध नहीं किया. आपको बता दें कुछ माह पहले 21 फरवरी को जिला कार्यालय गोहद में विवाह प्रमाण पत्र बनवाने के लिए 3000 की रिश्वत लेते हुए पंचायत सचिव वीरेंद्र सिंह को लोकायुक्त पुलिस ने गिरफ्तार किया था.


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