MP News: भारत में जिस तरह अभी चीता प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है, ठीक उसी तरह आज से 50 साल पहले यानि 1 अप्रैल 1973 को टाइगर प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी. शुरुआत में देश में नौ टाइगर रिजर्व (Tiger Reserve) थे, इसमें मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का भी एक कान्हा रिजर्व (Kanha Tiger Reserve) शामिल था. आज मध्य प्रदेश में ही 6 टाइगर रिजर्व हैं. मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बाघ कान्हा रिजर्व में हैं, यहां बाघों की संख्या 206 है.


मध्य प्रदेश के पास नहीं बाघों को रखने के लिए पर्याप्त जगह


बता दें आज से 50 साल पहले यानि एक अप्रैल 1973 को टाइगर प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी. बाघों को बसाने के लिए टाइगर रिजर्व बनाए गए थे. उस समय मध्य प्रदेश में भी एक टाइगर रिजर्व था. हालांकि उसके बाद टाइगर रिजर्व पर मध्य प्रदेश में काम किया गया और अब मध्य प्रदेश में 6 टाइगर रिजर्व हैं. प्रदेश में बाघों की संख्या भी लगभग 706 है.


अब स्थिति यह है कि मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या तो बढ़ गई लेकिन बाघों को रखने के लिए जगह का अभाव हो गया है. जगह के अभाव में मध्य में बाघ और इंसानों के बीच मुठभेड़ के मामले सामने आ रहे हैं.


सबसे अधिक बाघ बांधवगढ़ में
बता दें कि मध्य प्रदेश में आधा दर्जन टाइगर रिजर्व हैं जिनमें बांधवगढ़, कान्हा, पन्ना, पेंच, संजय और सतपुड़ा शामिल हैं. बांधवगढ़ में 31 बाघों की क्षमता है, लेकिन यहां वर्तमान में 220 बाघ हैं. इसी तरह कान्हा की क्षमता 41 बाघों की है लेकिन यहां 149 बाघ हैं. पन्ना की क्षमता 32 की है लेकिन यहां 83 बाघ हैं.


वहीं, पेंच की क्षमता 24 की है लेकिन यहां 129 बाघ हैं वहीं संजय की क्षमता 34 बाघ की है लेकिन यहां 35 बाघ हैं. इसी तरह सतपुड़ा में 43 बाघों की क्षमता है, जबकि यहां 90 बाघ हैं. कुल मिलाकर मध्य प्रदेश में 205 बाघ की क्षमता है, जबकि यहां 706 बाघ हैं. 


39 बाघों की आपस में लड़ने से मौत
बता दें मध्य प्रदेश में बाघों के लिए पर्याप्त जगह नहीं होने की वजह से स्थिति यह बन रही है कि क्षेत्राधिकार के लिए बाघ आपस में लड़ रहे हैं या शहरी बस्तियों में जा रहे हैं. बीते चार महीने पहले ही राजधानी भोपाल के एक शिक्षण संस्थान में बाघ ने डेरा डाल लिया था, लगभग एक महीने बाद इस बाघ को पकड़ा जा सका था.


इसी तरह बाघों के लिए पर्याप्त स्थान नहीं होने की वजह से बाघ अब आपस में लड़ रहे हैं. मध्य प्रदेश में अब तक आपसी लड़ाई की वजह से 39 बाघों की मौत हो चुकी है.


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