MP News: मध्य प्रदेश को फिर मिलेगी खोई हुई पहचान, जानें- क्या है उम्मीद की बड़ी वजह
MP: मौजूदा वक्त में मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या सबसे अधिक है. इसे हालांकि कर्नाटक से टक्कर मिल रही है जहां 2018 में बाघों की संख्या 524 पाई गई थी. मध्य प्रदेश में फिलहाल 700 से अधिक बाघ हैं.
Tiger State Status: मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट (Tiger State) का तमगा जुलाई महीने में एक बार फिर मिल जाएगा. राज्यवार बाघों (Tiger) की संख्या के आंकड़े विधिवत रूप से जुलाई 2023 में आने की संभावना है. अनुमान है कि मध्य प्रदेश में इस वक्त टाइगर की आबादी 700 से अधिक है. यहां बताते चले कि अखिल भारतीय बाघ गणना (All India Tiger Census 2022) के अनुसार मध्य भारत भू-भाग में बाघों की संख्या में सबसे ज्यादा वृद्धि की बात सामने आई है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने 9 अप्रैल 2023 को देश में प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने पर कर्नाटक के मैसूर में अखिल भारतीय बाघ सह-परभक्षी गणना अनुमान 2022 का विमोचन किया था. शुक्रवार को भोपाल में सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई राज्य वन्य-प्राणी बोर्ड की 24वीं बैठक में अधिकारियों ने बताया कि इस बात का स्पष्ट संकेत भी है कि मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है. सभी राज्यों में बाघों की संख्या के आंकड़े जुलाई 2023 में आने की संभावना है. वन विभाग के सूत्रों का कहना है कि सूबे में 700 से ज्यादा बाघ होने की संभावना हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश एक बार फिर टाइगर स्टेट बन सकता है. बाघों की गिनती नवंबर 2021 से शुरू हुई थी.अप्रैल 2022 में इसका तीसरा चरण पूरा हुआ था. टाइगर की गिनती में 30 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की मदद ली गई. यहां बता दें कि 2018 की गणना के बाद मध्य प्रदेश में 526 बाघ पाए गए थे. इसके साथ ही एमपी को टाइगर स्टेट का दर्जा मिल गया था. इस बार भी मध्य प्रदेश की टक्कर कर्नाटक से हो सकती है,क्योंकि कर्नाटक में भी 2018 में 524 बाघ मिले थे.
बांधवगढ़ में 150 और कान्हा में 120 बाघ का अनुमान
माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश के छह टाइगर रिज़र्व सहित आसपास के जंगलों में लगभग 700 वयस्क बाघ होने की संभावना है. टाइगर रिजर्व और सामान्य वन मंडलों में बाघ शावकों की संख्या लगभग 196 थी. इस तरह यह अनुमानित आंकड़ा 700 के ऊपर हो जाता है. अकेले बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व में 150 से ज्यादा बाघ होने की संभावना व्यक्त की जा रही है. कान्हा में बाघों की संख्या 120 से ऊपर बताई जा रही है. पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ जेएस चौहान के मुताबिक इस बार की गणना में पिछली बार से ज्यादा वन बीटों में बाघ दिखाई दिए हैं. प्रदेश में बाघों की बेहतर संख्या होने का अनुमान है.
उत्कृष्ट श्रेणी में कान्हा और सतपुड़ा रिजर्व
राज्य वन्य-प्राणी बोर्ड की बैठक में बताया गया कि चार वर्ष के अंतराल में देश के सभी टाइगर रिजर्व में प्रबंधन और प्रभावशीलता का मूल्यांकन किया जाता है. यह मूल्यांकन भारत सरकार विषय-विशेषज्ञों से करवाती है. मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व बेहतर श्रेणियों में शामिल हैं. वर्ष 2022 की मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश के दो टाइगर रिजर्व कान्हा और सतपुड़ा उत्कृष्ट श्रेणी में हैं. पेंच, बांधवगढ़ और पन्ना टाइगर रिजर्व को बहुत अच्छी श्रेणी और संजय टाइगर रिजर्व को अच्छी श्रेणी में रखा गया है. बैठक में बुरहानपुर, हरदा और ओंकारेश्वर अभयारण्य के गठन के प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई. इसके साथ ही बोर्ड की पिछली बैठक में लिए गए निर्णयों और उनके क्रियान्वयन का ब्यौरा दिया गया. मध्य प्रदेश के विश्व धरोहर स्थल खजुराहो में इसी साल फरवरी माह में जी-20 शिखर सम्मेलन में आए 20 देश के डेलीगेट्स ने पन्ना टाइगर रिजर्व में भ्रमण कर बाघ के दर्शन किए.उन्होंने यहां किए गए बाघ संरक्षण और प्रबंधन की जमकर तारीफ भी की.
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