Madhya Pradesh News: गरीबों के हिस्से का राशन खुले बाजारों में बेचने वालों की अब खैर नहीं. मध्य प्रदेश सरकार (MP governmen) ने एक जिले की टीम से दूसरे जिले की राशन दुकानों के निरीक्षण का फैसला किया है. यह टीम खामियों को सीधे शासन स्तर पर दूर करने की रिपोर्ट देगी. इस योजना के तहत निरीक्षण शुरू भी हो चुके हैं लेकिन अभी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है. बता दें कि आमतौर पर गरीबों के हिस्से का राशन बाजार में बेच दिया जाता है और शिकायत करने पर कोई कार्रवाई भी नहीं होती है. गरीबों को हमेशा भटकाया जाता है. 


हमेशा ही गरीब लोगों से आज नहीं कल मिलेगा राशन का राग अलापा जाता है. कुछ ऐसी ही शिकायतों की भरमार हर बार की जनसुनवाई से लेकर अन्य मंचों पर होती है. इसे दूर करने के लिए शासन ने एक नई योजना लागू की है, जिसके तहत अब एक जिले की टीम दूसरे जिले का निरीक्षण करेगी और वहां की खामियों को सीधे शासन स्तर पर दूर करने की रिपोर्ट देगी.


'आपका राशन आपका अधिकार' 
'आपका राशन आपका अधिकार' नाम से अभियान शुरू किया गया है. इसके तहत पिछले दिनों जबलपुर खाद्य आपूर्ति नियंत्रक विभाग की टीम ने कटनी और डिंडौरी जिले का निरीक्षण किया. वहां जाकर टीम के सदस्यों ने राशन दुकानों पर छापेमार कार्रवाई की और स्टॉक व वितरण का मिलान कर हितग्राहियों से चर्चा की भी कोशिश की. दुकानों में जो भी कमियां मिलीं, उनको मौके पर ही ऑनलाइन दर्ज किया गया. इसी प्रकार मंडला और नरसिंहपुर की टीमों ने जबलपुर में निरीक्षण किया और कई दुकानों के खिलाफ शिकायत दर्ज की.


कालाबाजारी रोकने का प्रयास
पिछले दिनों ही राशन की कालाबाजारी रोकने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों के ई-केवायसी एवं डाटाबेस में अभियान चलाकर मोबाइल नम्बर दर्ज करना शुरू किया गया है. कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी के निर्देश पर जिले में इसके लिए 30 नवम्बर तक अभियान चलाया जा रहा है. जिला आपूर्ति नियंत्रक नुजहत बकाई के मुताबिक कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी के आदेश पर हमारी टीम ने दूसरे जिलों का निरीक्षण किया और हमारे जिले की दुकानों का निरीक्षण दूसरे जिलों की टीमें कर रही हैं. इसमें हमारा कोई हस्तक्षेप नहीं है.


राशन दुकानों में की जा रही मनमानी पिछले दिनों सामने आई थी जब नर्मदा नगर ग्वारीघाट स्थित राशन दुकान का आवंटन निरस्त कर दिया गया था. आकस्मिक जांच के दौरान इस दुकान में गेहूं, चावल, शक्कर और मूंग दाल स्टॉक में कम पाई गई थीं. इसके बाद जिला आपूर्ति नियंत्रक नुजहत बकाई ने प्रतिभूति राशि 2 लाख 33 हजार को राजसात कर शासन के खाते में जमा करने के निर्देश दिए थे.


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