Weather Report of Jabalpur: मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में इस बार का अप्रैल सावन-भादो जैसा बीता. कई दशकों के इतिहास में अप्रैल पहली बार अप्रैल में ऐसी बारिश देखी.मई के शुरुआती हफ्ते में भी बारिश और ओले गिरने का पूर्वानुमान है.भोपाल स्थित मौसम केंद्र ने चेतावनी जारी की है कि सोमवार को जबलपुर, मंडला, डिंडोरी, बालाघाट एवं कटनी जिलों में भारी वर्षा या गरज चमक के साथ बारिश हो सकती है.इस दौरान कई इलाकों में 40 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से आंधी चलने,ओले गिरेंगे और तेज बरसात का पूर्वानुमान है.वैसे,जबलपुर में शनिवार और रविवार को मिलाकर दो दिन में 37.5 मिमी (तकरीबन डेढ़ इंच) बारिश हो चुकी है. Read More
एमपी की किस सीट को 46 साल से जीत नहीं पाई है कांग्रेस?
मजदूर नेता रहे पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के गढ़ भोपाल के गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में सोमवार को कांग्रेस नेता कमलनाथ का कार्यक्रम है. भारतीय जनता पार्टी के इस अभेद गढ़ को भेदने की कोशिश कांग्रेस बीते 46 साल से कर रही है.लेकिन उसे यहां आजतक सफलता नहीं मिली है.बीजेपी के इस अभेद्य किले को जीतने की कोशिश में एक बार फिर मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ एक जनसभा को संबोधित करेंगे.Read More
खंडहर क्यों हो गईं सीहोर की फैक्ट्रियां?
राजधानी भोपाल से 40 किलोमीटर स्थित सीहोर में कभी देश भर से बैरोजगार की रोजगार की तलाश में आते हैं. यहां आने वाले हर व्यक्ति रोजगार की आस पूरी भी होती थी, क्योंकि सीहोर में दर्जन भर फैक्ट्रियां थी, जिनमें लोग काम कर अपने परिवार का भरण पोषण किया करते थे, लेकिन खराब राजनीति की वजह से एक-एक कर तमाम फैक्ट्रियां बंद होती गईं और अब यह खंडहर में तब्दील हो गई है तो वहीं अब सीहोर के युवा रोजगार की तलाश में प्रदेश सहित देश के अन्य शहरों में पलायन के लिए मजबूर रहते हैं.Read More
इछावर की धरती पर कदम क्यों नहीं रखते हैं सीएम शिवराज
इछावर नगर का मिथक एक बार फिर बरकरार होता नजर आया. एक दिन पहले नसरुल्लागंज के पिपलानी आए सीएम शिवराज सिंह चौहान का हेलीकाप्टर खराब मौसम की वजह से उड़ान नहीं भर सका, नतीजतन सीएम शिवराज सिंह चौहान को सड़क मार्ग से इछावर होते हुए राजधानी भोपाल जाना पड़ा. इछावर में विधायक करण सिंह वर्मा के बेटे विष्णु वर्मा सहित अनेक बीजेपी नेता सीएम का स्वागत करने के लिए सड़क पर खड़े रहे. सीएम का काफिला रुका, कार में बैठे-बैठे ही सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपना स्वागत करा लिया, लेकिन इछावर की धरती पर नहीं उतरे. Read More
क्या अफ्रीकी चीतों के लिए छोटा है केएनपी
भारतीय वन्यजीव संस्थान के एक पूर्व अधिकारी ने दावा किया है कि मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में अफ्रीका से लाए गए चीतों के लिए पर्याप्त जगह नहीं है. केएनपी में एक महीने से भी कम समय में दो चीतों की मौत हो चुकी है.वहीं मध्य प्रदेश वन विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि उनके पास कूनो में चीतों पर नजर रखने के लिए पर्याप्त संसाधन और कर्मचारी भी नहीं हैं. नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 चीते लाए गए थे. इनमें से दो की अबतक मौत हो चुकी है. Read More
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