Dewas Tourist Places: मध्य प्रदेश का एक शहर जो पूरे देश में नोट छापने को लेकर अपनी पहचान रखता है. देवास जिले में कई ऐसे स्थान हैं, जहां दर्शन करने के लिए प्रदेश के कई जिलों के लोग आते हैं. बता दें कि यहां पर कई ऐसे मंदिर हैं, जहां पर भक्तों का तांता लगा रहता है. यहां पर देवास माता मंदिर एक पवित्र धार्मिक स्थल है. नवरात्रि के अवसर पर इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. इस मंदिर की एक खास बात यह है कि इस मंदिर में दर्शन के साथ-साथ भैरो बाबा के दर्शन करना भी जरूरी है. अन्यथा उनके दर्शन के बिना भक्तों की मनोकामना पूरी नहीं होती है. यह मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है.
देवस में एक पहाड़ी मंदिर भी है जो काफी प्रसिद्ध है. इस मंदिर के दर्शन के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. देवास इस मंदिर के कारण बहुत प्रसिद्ध है. देवास के इस मंदिर को अलग-अलग नामों से जाना जाता है. इस मंदिर की गिनती भारत के शक्तिपीठों में की जाती है. इस मंदिर को चामुंडा देवी और तुलजा भवानी के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. साथ ही इसे देवास माता का मंदिर भी कहा जाता था. दरअसल, चामुंडा देवी को बड़ी मां और तुलजा भवानी को छोटी मां कहा गया है. इन दोनों मांओं के बारे में बताया जाता है कि ये बहनें थीं. यह प्रसिद्ध मंदिर टेकरी पर स्थित है.
ये जगह पर्यटकों को करेंगी आकर्षित
वहीं देवास का गिदीया खो ऐतिहासिक स्थलों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है. यहां सांस्कृतिक और रंगारंग कार्यक्रम होते हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. यहां पर खुडैल देवता का मंदिर भी है, जो कि आदिवासी अंचल का काफी पुराना मंदिर है. यहां एक जलप्रपात है जिसे लोग बारिश के दौरान देखना बहुत पसंद करते हैं. वहीं पंवार शासकों ने देवास में मीठा तालाब के पास छत्रियों का निर्माण कराया था, जो मराठा वास्तुकला से प्रभावित है और उन्हीं तरह का एक मॉडल है. इन छत्रियों में बहुत ही महीन कारीगरी की गई है और इन छत्रियों का बाहरी रूप भी बहुत सुंदर है. इससे देवास के पूर्व शासकों की कला के प्रति रुचि का पता चलता है. देवास जिला इंदौर से मात्र 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जिसके कारण यहां औद्योगिक गतिविधियां चलती रहती हैं. बता दें कि शहर में नोट छापने का कारखाना भी है.