MP: जिंदगी की जंग हार गई बोरवेल में गिरी सृष्टि, घंटों चले रेस्क्यू के बाद भी नहीं बची मासूम
Sehore Borewell: एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के असफल होने के बाद बच्ची को बोरवेल से निकालने के लिए गुजरात से रोबोटिक टीम को बुलवाया गया था. बोरवेल से निकाल तो लिया लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
Sehore Borewell Accident: तीन दिन पहले सीहोर के गांव मुंगावली में एक ढाई वर्षीय बालिका सृष्टि अपने घर के पास स्थित एक खेत में बने खुले बोर में गिर गई थी. सृष्टि को सकुशल बाहर निकालने के लिए तभी से जिला प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे थे. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अलावा सेना का भी इस काम में सहयोग लिया गया. आखिर में गुजरात से रोबोटिक टीम को बुलवाया गया. रोबोटिक टीम ने सृष्टि को आज बोर से बाहर निकाला और इसके बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने सृष्टि को मृत घोषित कर दिया. सृष्टि ने मात्र ढाई साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया. सृष्टि की मौत से पूरा माहौल गमगीन हो गया.
दरअसल, सीहोर जिला मुख्यालय के नजदीक ग्राम मुंगावली में मंगलवार को दोपहर एक बजे राहुल कुशवाह की बेटी सृष्टि अपने घर के बाहर खेल रही थी, तभी वह अचानक पास के खेत में बने 300 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई. घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर जिला प्रशासन की टीम पहुंची और सृष्टि को बाहर निकालने के प्रयास किए. इस काम में एसडीआरएफ और एसटीआरएफ की टीमों को भी लगाया गया. जब NDRF और STRF को इस काम में सफलता नहीं मिली तो सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सेना को फोन किया. सेना भी सृष्टि को निकालने में असफल रही, इसके बाद आज सुबह गुजरात से तीन सदस्यीय रोबोटिक टीम आई, जिसने बच्ची को बोरवेल से निकाल लिया.
150 फीट पर जा फंसी थी सृष्टि
जानकारी के मुताबिक, शुरुआत में बच्ची 27 फीट पर फंसी हुई थी, लेकिन खुदाई कार्य के दौरान पत्थर आ जाने और पोकलेन मशीन से हो रहे कंपन की वजह से बच्ची खिसकते खिसकते 110 फीट पर जा पहुंची और अंत में वह 150 फीट नीचे जाकर फंस गई थी.
पानी नहीं आने पर पड़ोसी ने खुला छोड़ दिया था बोरवेल
बताया जा रहा है राहुल कुशवाह के पड़ोस में ही गोपाल कुशवाह का खेत है. दो महीने गोपाल कुशवाह ने अपने खेत में बोर खनन कराया था, लेकिन पानी नहीं निकलने पर गोपाल कुशवाह ने बोर यूं ही खुला छोड़ दिया था. प्रभारी कलेक्टर आशीष तिवारी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि तमाम प्रयासों के बाद भी हम सृष्टि को नहीं बचा पाए.
14 मार्च को लटेरी में हुआ था ऐसा ही हादसा
बता दें अब से तीन महीने पहले 14 मार्च को भी विदिशा जिले के लटेरी तहसील के आनंदपुर के पास खेरखड़ी पठान क्षेत्र में एक सात वर्षीय बालक 60 फीट गहरे बोर के गड्ढे में गिर गया था और 60 फीट नीचे जाकर फंस गया था. बच्चा 25 घंटे तक बोरवेल में फंसा रहा था. उसे बचाने के तमाम प्रयास किये गए लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका.
सदन में गूंज चुका है मामला
यह मामला मध्य प्रदेष के विधानसभा सत्र में भी गूंजा था. कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने आरोप लगाते हुए कहा था कि मध्य प्रदेश में घटित हो रहीं बोरवेल की घटनाओं के लिए मध्य प्रदेश शासन और प्रशासन ही जिम्मेदार है. सरकार की लापरवाही के चलते ही प्रदेश में इस प्रकार की घटनाएं बढ़ी हैं, यदि समय रहते पूर्व की घटनाओं से सबक ले लिया जाता तो बच्चों के बोरवेल में गिरने की घटनाएं रोकी जा सकती थीं लेकिन इस प्रकार की घटनाओं से कोई सबक नहीं लिया जाता, बल्कि खानापूर्ति कर अगली घटना होने का इंतजार किया जाता है और हुआ भी वही. अब सीहोर जिले में एक नन्हीं बच्ची की जान खुले बोर ने ले ली.
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