MP News: कोरोना को लेकर अधिकारियों के दावों पर यकीन किया जाए तो फरवरी के अंत तक कोरोना की रवानगी हो जाएगी. उज्जैन संभाग के लोगों के लिए यह राहत भरी खबर है. लेकिन अभी भी अधिकारियों द्वारा एहतियात बरतने और कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करने की अपील भी की जा रही है. 


कलेक्टर ने कही ये बात
उज्जैन संभाग के प्रभारी आयुक्त और उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह एबीपी न्यूज से खास चर्चा की है. चर्चा के दौरान कहा कि पूरे संभाग में कोरोना के आंकड़े धीरे-धीरे नीचे आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि कभी-कभी एक दो जिलों में आंकड़े बढ़ जाते हैं. लेकिन यह चिंता का विषय नहीं है. जहां पर सैंपल का परसेंटेज बढ़ाया जा रहा है. वहां पर पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा भी थोड़ा बढ़ रहा है. लेकिन फरवरी के दूसरे सप्ताह तक आंकड़े और भी नीचे आ जाएंगे. इसके अलावा फरवरी के अंत तक कोरोना की पूरी तरह रवानगी होने की संभावना है. 


बच्चों को लेकर कही ये बात
उज्जैन प्रभारी संभाग आयुक्त आशीष सिंह ने बताया कि कोरोना का पीक निकल चुका है. मगर अभी भी लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत है. देवास में पिछले 24 घंटे में 113 मरीज सामने आए हैं. इनमें से 12 बच्चे भी शामिल हैं. इस पर प्रभारी संभागायुक्त आशीष सिंह बताया कि मध्य प्रदेश सरकार ने बच्चों को लेकर अलग से व्यापक इंतजाम किए हैं. हालांकि कोविड के दौरान बच्चों को अस्पताल में भर्ती करने की नौबत तक नहीं आ रही है.  


दूसरी लहर थी ज्यादा पैनिक
आईएएस अधिकारी आशीष सिंह ने बताया कि पहली और दूसरी लहर में ज्यादा पैनिक था. जब मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया जाना बेहद जरूरी हो गया था. आईएएस अधिकारी आशीष सिंह ने पहली लहर में कोरोना पॉजिटिव में मरीजों के साथ अस्पताल में एक घंटे का वक्त बिताया था. इस दौरान मरीजों में उन्होंने बेहद करीब से घबराहट देखी थी. वर्तमान में भी लगातार आईएएस अधिकारी आशीष सिंह अस्पतालों के दौरे कर रहे हैं. इस दौरान मरीजों से बातचीत के दौरान वे आत्मविश्वास से लबालब है. अधिकांश मरीजों को ऑक्सीजन की भी आवश्यकता नहीं पड़ रही है.


मरीजों की ट्रैवल हिस्ट्री
जब कोरोना पॉजिटिव मरीजों से जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा संक्रमण के चपेट का कारण पूछा जाता है. तब अधिकांश मरीजों की ट्रैवल हिस्ट्री सामने आती है. शहर के बाहर घूमने जाने वाले लोग ही अधिकांशत: पॉजिटिव निकल रहे हैं. आमतौर पर बाहर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना पूरी तरह मुमकिन नहीं हो पाता है. जिसकी वजह से थोड़ी सी चूक लोगों को संक्रमित कर देती है.


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