Digvijay Singh Visit Mahakal Temple: पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह बुधवार (27 सितंबर) को धार्मिक नगरी उज्जैन पहुंचे. उन्होंने सबसे पहले भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया. इसके बाद सियासी बाण चलाएं. उन्होंने कैलाश विजयवर्गी को सीख देने के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनौती भी दे डाली. दिग्विजय सिंह ने प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना के साथ भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया.



इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की दिग्विजय सिंह ने कहा कि बीजेपी के कार्यकाल में किसानों के कर्ज माफी की योजना रोक दी गई. इसके अलावा दलित, आदिवासी को पट्टे देने की योजना पर भी विराम लगा दिया गया. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि 18 साल बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लाडली बहनों की याद आई. दिग्विजय सिंह यह भी बोले की जिस प्रकार से बीजेपी केंद्रीय मंत्री और सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ा रही है, उससे घबराहट साफ तौर पर नजर आ रही है.

कैलाश विजयवर्गीय को चुनाव नहीं लड़ने की सलाह
गुजरात मॉडल पर भी उन्होंने बयान देते हुए कहा कि यदि मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक सभी बदल दिए जाते हैं, तब भी कांग्रेस को कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है. कांग्रेस पूरी ताकत के साथ सरकार बनाएगी. जब दिग्विजय सिंह से पूछा गया कि वह भी विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास कार्यकर्ताओं की कोई कमी नहीं है. इस प्रकार उन्होंने स्पष्ट रूप से विधानसभा चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से पूछा गया कि कैलाश विजयवर्गीय ने टिकट मिलने के बाद यह बयान दिया है कि उनकी चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं थी तो दिग्विजय सिंह ने इस बयान पर कहा कि कैलाश विजयवर्गीय को मना कर देना चाहिए.

सिंधिया को लेकर कही बड़ी बात
दिग्विजय सिंह से जब ज्योतिरादित्य सिंधिया के चुनाव लड़ने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यदि ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी विधायक का चुनाव लड़ा दिया जाता है तो इससे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है. चुनाव लड़ने का फैसला बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को करना है. कांग्रेस से अलग होने के बाद से ही उनका सिंधिया से नाता टूट चुका है.

दिग्विजय सिंह का कार्यकाल जनता ने देखा-बीजेपी
शिवराज सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने दिग्विजय सिंह पर पलटवार करते हुए कहा कि जनता ने 10 साल तक दिग्विजय सिंह का कार्यकाल देखा है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को बीजेपी पर आरोप लगाने का कोई अधिकार नहीं है. कांग्रेस खुद ने ही दिग्विजय सिंह से किनारा कर लिया है. जन आक्रोश रैली में भी दिग्विजय सिंह के फोटो वाले पोस्टर गायब है.


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