Corona Guideline: उज्जैन में लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों के बीच रोको टोको का अभियान का कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है. शहर में बिना मास्क के लोग धड़ल्ले से घूम रहे हैं. दूसरी तरफ जिला प्रशासन द्वारा लगातार प्रतिबंधों को लेकर दावे किए जा रहे हैं. जबकि लोग खूलेआम कोरोना गाइडलाइन को नजरअंदाज करते हुए आम तौर पर सड़क पर ही दिखाई दे रहे हैं. वहीं पुलिस भी लोगों के खिलाफ सख्ती से पेश नहीं आ रही है.
कलेक्टर ने दिया था आदेश
उज्जैन में एक्टिव कोरोना मरीजों की संख्या 30 के बाहर हो गई है. अब प्रतिदिन 8 से 9 कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं. उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने पिछले दिनों क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक लेकर कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. इसी कड़ी में यह भी कहा गया था कि जो लोग मास्क नहीं पहनेंगे, उनके खिलाफ अर्थदंड की कार्रवाई की जाएगी. इसके अतिरिक्त आवश्यकता पड़ने पर धारा 188 के तहत मुकदमे भी दर्ज होंगे.
कार्रवाई नहीं कर रही पुलिस
उज्जैन के महाकाल थाना पुलिस ने धारा 188 के तहत एक प्रकरण भी दर्ज किया है. मगर यह कार्रवाई ऊंट के मुंह में जीरे के समान है. उज्जैन में अर्थदंड के रूप में दस हजार रुपए के आसपास राशि भी वसूल की गई है. लेकिन यह भी पर्याप्त दिखाई नहीं दे रही है. उज्जैन शहर ही नहीं बल्कि जिले में कोरोना पॉजिटिव मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इस मामले में कड़ी कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है.
रतलाम कलेक्टर के निर्देश पर कार्रवाई
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि सोमवार को उज्जैन शहर के 13 थाना क्षेत्रों में गाइडलाइन का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हुई है. दूसरी तरफ मंगलवार को शहर के विभिन्न इलाकों में भीड़ देखी गई. मगर किसी प्रकार से रोको-टोको अभियान का असर देखने को नहीं मिला. उज्जैन जिले से लगे रतलाम में कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के निर्देश पर जिला प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए एक दिन में डेढ़ हजार लोगों पर चालान काट कर कार्रवाई की है. ऐसी स्थिति में रतलाम में लोग मास्क का पूरी तरह उपयोग कर रहे हैं. इसी प्रकार की कार्रवाई उज्जैन शहर में खास तौर पर होने की जरूरत है.
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