Madhya Pradesh Raisen Someshwar Dham Shiv Mandir: बीजेपी नेत्री और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) सोमवार को सुबह 10 बजे रायसेन (Raisen) पहुंची. उन्होंने रायसेन के ऐतिहासिक किले पर स्थित शिव मंदिर (सोमेश्वर धाम) में बंद दरवाजे के सामने पूजा-अर्चना की. उन्होंने दरवाजे पर ही भगवान शिव का जलाभिषेक किया और आरती की. इस दौरान शिवभक्त, उनके समर्थक और पुलिस अधिकारी मौजदू थे. उमा भारती ने एलान किया है कि सोमेश्वर धाम शिव मंदिर का जब तक ताला नहीं खुलेगा वो अन्न ग्रहण नहीं करेंगी, क्योंकि बिना ताला खोले उन्हें दूर से शिवलिंग पर जल अर्पित करना पड़ा है.
'अन्न का त्याग कर रही हूं'
उमा भारती ने कहा कि, ''हम ताला नहीं तोड़ते. अयोध्या में भी हमारा नारा था..आगे बढ़ो, जोर से बोलो और जन्मभूमि का ताला खोलो, ताला तोड़ो नारा नहीं था. ये ताला बहुत छोटा है, मेरे भी एक घूंसे से टूट जाएगा. हम मर्यादा में रहे हैं, हम मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के वंशज हैं इसलिए अयोध्या में भी यही नारा चला. रायसेन के राधेश्याम वशिष्ठ ने बहुत बड़ा आंदोलन किया. हिंदू महासभा के फलस्वरूप यहां बहुत बड़ा उत्सव हुआ. यहां शिवरात्रि के मौके पर ताला खुला और पूजा शुरू हुई. अब मैं चाहती हूं कि हमें बहुत जल्द ये अवसर मिले, केंद्रीय पुरातत्व विभाग से राज्य पुरातत्व विभाग संपर्क करे और यहां के प्रशासन को यहां के तालों को खोलने का अधिकार मिले. फिलहाल ये अधिकार अभी प्रशासन के पास नहीं है. मेरा ये संताप ऐसे दूर नहीं हो सकता, इसलिए मैं आज से अन्न का त्याग कर रही हूं, जब तक ताला नहीं खुलेगा. मैंने रायसेन कलेक्टर को गंगोत्री से लाया हुआ पवित्र जल का पात्र सौंपा है और उनसे कहा है कि यहीं मंदिर परिसर में रखें, जल्द ही मैं और मुख्यमंत्री शिवराज जी यहां आकर विधि विधान से इसी जल से भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे. उस दिन यहीं बैठ कर टिक्कड़ बनाएंगे और भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न और गुड़ का भोग लगाने के बाद ही मैं अन्य ग्रहण करूंगी.''
तैनात रहा भारी पुलिस बल
बता दें कि, उमा भारती आज सुबह रायसेन पहुंची थीं. शहर पहुंचने पर जगह-जगह उनका स्वागत किया गया. पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को रायसेन के ऐतिहासिक किले पर जाने की अनुमति प्रशासन ने दी थी. लेकिन क्या उमा भारती जलाभिषेक कर पाएंगी या उन्हें रोक दिया जाएगा इस पर संशय कायम था. उनके उग्र स्वभाव को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड पर था, जिसको लेकर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. वहीं लोगों की नजर भी लगी रही है कि क्या वो ताला तोड़ मंदिर के भीतर पूजा-अर्चना करेंगी, फिलहाल ऐसा कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कानून का पालन करते हुए सम्मानजनक ढंग से मंदिर के बाहर से ही पूजा-अर्चना की.
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