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MP News: दुधमुंहे बच्चे को बाघ से लड़कर जबड़ों से छुड़ा लाई मां, जानें- रोंगटे खड़े कर देने वाला वाकया
Umaria News: उमरिया में एक मां की अपने बच्चे के लिए बहादुरी का अनोखा मामला सामने आया है. यहां एक जाबांज मां अपने बच्चे की जान बचाने के लिए टाइगर से भिड़ गई.
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Umaria Tiger Attack On Children: मध्य प्रदेश (Uttar Pradesh) के उमरिया (Umaria) जिले में एक जाबांज मां अपने बच्चे की जान बचाने के लिए टाइगर से भिड़ गई. अपनी आंखों के सामने कलेजे के टुकड़े को मौत के मुंह में जाने से बचाने के लिए मां ने अपनी जान की बाजी लगा दी. इतना ही नहीं, इस मां ने बाघ के मौत के जबड़ों से लड़कर बच्चे को जीवित बचा लिया. मां के दिखाए इस अदम्य साहस में वह खुद भी बुरी तरह जख्मी हो गई है. बाघ के नाखून मां के फेफड़े में घुस गए और गर्दन भी टूट गई. मां को गंभीर हालत में जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया है.
सुबह 10 बजे हुई घटना
कहते है कि इंसान हो या जानवर, मां की ममता का सदैव ही कोई मुकाबला नहीं रहा है. वह हमेशा ही अपने बच्चों के लिए अपनी जान तक न्यौछावर करने को तैयार रहती है. कुछ इसी तरह का वाकया बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मानपुर रोहनिया गांव में सामने आया है. मानपुर बफर से लगी ज्वालामुखी बस्ती में भोला चौधरी अपनी पत्नी अर्चना के साथ रहता है. अस्पताल में भर्ती महिला अर्चना के पति भोला चौधरी ने बताया कि रविवार को सुबह 10 बजे यह घटना हुई. घर के नजदीक बाड़ी में पत्नी अपने 15 माह के बेटे राजवीर को शौच कराने के लिए गई थी. इसी दौरान झाड़ियां की आड़ में छिपा बाघ बाड़ी कूद कर भीतर आ गया और उसने राजवीर को अपने जबड़ों में दबा लिया. यह देख अर्चना ने हिम्मत नहीं हारी बच्चे को बचाने बाघ से भिड़ गई.
15-20 मिनट तक जूझती रही मां
शोर-शराबा कर वह मासूम को पकड़कर बाघ से जूझती रही. इस दौरान हमलावर बाघ लगातार पंजों से हमला कर अर्चना को घायल कर रहा था. उसके शरीर से खून की धार निकल रही थी, फिर भी वह तकरीबन 15-20 मिनट तक डटी रही. आखिरकार शोर सुनकर आस-पास के लोग वहां पहुंचे. लाठी डंडा लेकर उन्होंने शोर शराबा किया, तब जाकर बाघ वापस जंगल की तरफ भागा. बच्चे व महिला के शरीर से काफी खून निकल रहा था, उन्हें तुरंत मानुपर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया गया. वहां से प्राथमिक उपचार कर गंभीर हालत के चलते जिला अस्पताल भेज दिया गया.
मां को गंभीर चोट
मानपुर से जिला अस्पताल भेजे जाने पर यहां सिविल सर्जन डॉ. एलएन रूहेला डॉक्टरों की टीम के साथ मुस्तैद थे. मां व बच्चे के घाव की जांच हुई. अर्चना चौधरी की पीठ में नाखून लगने से गहरे घाव थे. टांके लगाने के बाद भी खून निकलना बंद नहीं हो रहा था. उसकी गर्दन व शरीर में सामने से भी चोट आई थी. उसकी हालत गंभीर होने से जबलपुर रेफर कर दिया गया. घटना में 15 माह के राजवीर को सिर में चोट है लेकिन वह खतरे से बाहर है.
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