MP News: नए साल पर सिर्फ 1500 रुपये में कर सकते हैं खजुराहो की सैर, देखें विश्व धरोहर की तस्वीरें
Khajuraho Monuments: खजुराहो के ज्यादातर मंदिर चंदेल राजवंश के समय 950 और 1050 ईस्वी के मध्य बनाए गए थे. रिकॉर्ड के अनुसार खजुराहो में कुल 85 मंदिर थे.
Khajuraho Mandir: मध्य प्रदेश का खजुराहो विदेशी सैलानियों की बेहद पसंदीदा जगह है. यहां बड़ी तादाद में देशी-विदेशी पर्यटक नए साल का जश्न मनाने पहुंचते हैं. दरअसल, देशी-विदेशी पर्यटकों के साथ नवविवाहित युगल के लिए भी खजुराहो शानदार हनीमून डेस्टिनेशन है. खजुराहो के हजार साल से भी ज्यादा पुराने मंदिरों की रोचक कहानी,शानदार नक्काशी और कारीगरी देखने पर्यटकों का यहां आना शुरू हो चुका है.
अगर आप भी किसी शानदार और यादगार जगह पर नए साल का स्वागत करना चाहते है तो खजुराहो के बारे में जरूर सोचिए. मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित ऐतिहासिक नगरी खजुराहो में हिन्दू और जैन धर्म के ऐतिहासिक तथा पौराणिक स्मारकों का एक समूह है. ये स्मारक भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर से लगभग एक समान दूरी पर है. वहीं, झांसी से इसकी दूरी लगभग 175 किलोमीटर है. यह स्मारक यूनेस्को की विश्व धरोहर में साइड में गिना जाता है. यहां के मन्दिर नगारा वास्तुकला से परिचित कराते है, जिसमें से ज्यादातर मूर्तियां कामुक कला को दर्शाती है.
हजारों नक्काशियों को दर्ज किया गया हैं
अधिकतर मूर्तियां नग्न अवस्था में स्थापित है. कहा जाता है कि वे मिथुन के रूप हैं और वे दिव्य प्रेम, शिव (पुरुष) और शक्ति (महिला) ऊर्जा के मिलन का प्रतिनिधित्व करते हैं. उनमें जीवन के विभिन्न कार्यों जैसे लड़ाई, नृत्य, भोजन, शिकार में लगे लोगों की हजारों नक्काशियों को दर्ज किया गया है. उन्हें ताजमहल, हम्पी, फतेहपुर सीकरी और अन्य की बराबरी से भारत के शीर्ष आश्चर्यों में से एक माना जाता है.
वर्तमान में इनमें से केवल 25 मन्दिर ही बचे हैं
बताते चले कि खजुराहो के ज्यादातर मंदिर चंदेल राजवंश के समय 950 और 1050 ईस्वी के मध्य बनाए गए थे. एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड के अनुसार खजुराहो में कुल 85 मन्दिर थे जो कि जो 20 वर्ग किलोमीटर के घेराव में फैले हुए थे. वर्तमान में इनमें से केवल 25 मन्दिर ही बचे हैं, जो सिकुड़कर 6 किलोमीटर के दायरे में फैले हैं. इनमें से कंदरिया महादेव मंदिर सबसे शानदार है.
मंदिरों के पश्चिमी समूह के लिए प्रवेश शुल्क लगता है
यहां बता दे कि खजुराहो के सभी मंदिर सूर्योदय से सूर्यास्त तक खुले रहते हैं. मंदिरों के पश्चिमी समूह के लिए प्रवेश शुल्क लगता है. विदेशी पर्यटकों के लिए 500 रुपये और स्थानीय लोगों के लिए 30 रुपये शुल्क रखा गया है. सूर्यास्त के बाद मंदिरों के पश्चिमी समूह में शुल्क देकर सुपरस्टार अमिताभ बच्चन की आवाज में शानदार साउंड एंड लाइट शो भी देखा जा सकता है.
यहां कैसे पहुंचें
आप दिल्ली या वाराणसी से सीधे खजुराहो के लिए उड़ान भर सकते हैं. या ट्रेन ले सकते हैं.निकट का रेलवे स्टेशन खजुराहो है,जहां से दिल्ली,इंदौर,भोपाल के लिए सीधी रेल सेवा उपलब्ध है.
घूमने का समय
खजुराहो घूमने का सबसे बढ़िया समय सितंबर से मार्च तक होता है.यहां अप्रैल से जून तक मध्य प्रदेश बेहद गर्म हो जाता है.इसलिए सितंबर से मार्च के बीच कभी भी यहां की सैर करने आदर्श रहेगा.
कहां ठहरें
खजुराहों में शानदार फाइव स्टार होटल के साथ हर बजट के अनुरूप होटल उपलब्ध है.कम बजट में कई हॉस्टल भी मौजूद है.खजुराहो में 800 से लेकर 2000 रुपये के बीच में बढ़िया बजट होटल मिल जाता है. 1500 से 2000 रुपये के खर्चे में ऐतिहासिक नगरी खजुराहो की सैर की जा सकती है.
ये भी पढ़ें: Madhya Pradesh: अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद कमलनाथ ने वेणुगोपाल और सुरजेवाला को दी बधाई? ये तंज है या कोई मैसेज