MP News: एमपी में बिना हेलमेट टू व्हीलर वाहन चालकों की 'नो एंट्री', जाने-सरकार ने क्या-क्या प्रतिबंध लगाए
सरकारी आदेश के मुताबिक हेलमेट पहने सरकारी और गैर सरकारी कर्मचारियों को ही दफ्तर में एंट्री मिलेगी. शिक्षण संस्थानों और पेट्रोल भरवाने के लिए पंप्स पर भी हेलमेट अनिवार्य होगा.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में अब टू व्हीकर चलाने वालों के लिये बिना हेलमेट नो एंट्री रहेगी. हालांकि मोटर व्हीकल एक्ट में बगैर हेलमेट दोपहिया वाहन चलाने पर प्रतिबंध पहले से है लेकिन जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) की सख्ती के बाद एक बार फिर पुलिस (MP Police) महकमा सक्रिय हुआ है. 6 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक हेलमेट की जांच के लिए विशेष अभियान भी चलाया जाएगा. आंकड़े बताते हैं कि मध्य प्रदेश में पिछले ढाई साल में सड़क दुर्घटनाओं में 30,262 लोगों ने जान गंवाई जिसमें 14,633 लोग तो दोपहिया वाहन सवार थे.
हेलमेट पहनना अनिवार्य
एमपी हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच के निर्देश के बाद पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (पीटीआरआई) ने दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया है. एडीजी पीटीआरआई जी. जनार्दन ने जारी आदेश में कहा है कि वाहन चलाने वाले और साथ बैठे पिलियन राइडर को भी हेलमेट पहनना होगा. इसमें महिला, पुरुष या नाबालिग चालक को लेकर अलग से निर्देश नहीं हैं. इसलिए पुलिस 4 साल से ज्यादा उम्र के ऐसे हर वाहन सवार के खिलाफ (सिख को छोड़कर) सख्ती बरतने की तैयारी कर रही है.
हेलमेट पहने हुए ही दफ्तर में एंट्री
बता दें कि मध्य प्रदेश में हेलमेट की अनिवार्यता पहले से है लेकिन राज्य में सड़क हादसों में होने वाली मौत का ग्राफ कम करने के लिए अब हाई कोर्ट के आदेश पर सख्ती भी बरती जाएगी. सरकारी आदेश के मुताबिक हेलमेट पहने हुए सरकारी और गैर सरकारी कर्मचारियों को ही दफ्तर में एंट्री मिलेगी. एडीजी पीटीआरआई जी. जनार्दन के मुताबिक शिक्षण संस्थानों और पेट्रोल भरवाने के लिए पंप्स पर भी हेलमेट की अनिवार्यता लागू की गई है. दो पहिया वाहन पर हेलमेट धारण नहीं करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ मोटरयान अधिनियम की धारा 128 और 129 के तहत कार्रवाई की जाएगी.
जाने क्या लिखा है आदेश में-
1. समस्त शासकीय/अर्ध शासकीय और प्राइवेट कार्यालय में प्रमुख को पत्र लिखकर सभी कर्मचारियों को (पीलीयन राइडर सहित) हेलमेट धारण करने के संबंध में लिखित निर्देश जारी किये जाएं. हेलमेट धारण न करने वाले के पर सख्ती से कार्यवाही करते हुये कार्यालय में प्रवेश रोकने के बाबत सख्त हिदायत दी जाए.
2. सभी स्कूल और कॉलेजो के प्रधान अध्यापक/ प्रधान आचार्य सभी छात्र-छात्राओं के अभिभावकों और कर्मचारियों को निर्देशित करें कि वे बच्चों को स्कूल/कॉलेज लेकर आते-जाते समय आवश्यक रूप से हेलमेट धारण करें. साथ ही हेलमेट धारण न करने वाले अभिभावकों और छात्र- छात्राओं को शिक्षण संस्थानों में प्रवेश बंद करने बाबत सख्त हिदायत दिया जाए. इस संबंध में लिखित निर्देश जिला दण्डाधिकारी के माध्यम से जारी किया जाए.
3. सभी पेट्रोल पम्पों पर फ्लेक्स/बेनर के माध्यम से दो पहिया मोटर वाहन चालकों और पीलियन राइडर को हेलमेट धारण करने के लिए पाबंद करें. साथ ही वाहन चालकों को हेलमेट धारण करने पर ही पेट्रोल वितरण करेगे. ऐसी सख्त हिदायत दी जाए ताकि सभी हेलमेट पहनकर ही पेट्रोल पम्प पर आयें.
4. स्थानीय निकाय जैसे ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम और कन्टनमेन्ट बोर्ड के माध्यम से ठेके पर वाहनों की पार्किंग व्यवस्था दी जाती है. जहां यात्रीगण बिना हेलमेट धारण किये हुये आकर वाहन पार्किंग में लगाते हैं. हेलमेट धारण करने पर ही उनकों वाहन पार्किंग की सुविधा दी जाए. ऐसे पार्किंग संचालकों को सख्त हिदायत दी जाए.
5. जिले में संचालित ऑटो मोबाईल शॉप पर बैनर / फ्लेक्स के माध्यम से हेलमेट धारण करने के संबंध में प्रचार-प्रसार किया जाए. वाहन के विक्रय के समय सभी क्रेताओं को हेलमेट धारण करने के बाद ही शोरूम से जाने के लिए निर्देशित किया जाए.
6. समस्त होटल, ढाबा, रेस्टोरेन्ट, मॉल आदि स्थानों पर फ्लेक्स और बैनर के माध्यम से हेलमेट धारण करने के संबंध में प्रचार-प्रसार करें. हेलमेट धारण न करने वाले को वाहन चालकों का उपरोक्त स्थानों पर प्रवेश वर्जित किये जाने के बारे में सख्त हिदायत दी जाए.
7. जिले के डायल 100 और शहर में लगे पीए सिस्टम, व्हीएमएस सिस्टम के माध्यम से हेलमेट धारण करने के संबंध में लगातार उद्घोषणा की जाए.
8. जिले के प्रत्येक दो थानों के बीच एक पीए सिस्टम किराये पर लेकर आवश्यक रूप से हेलमेट धारण करने के संबंध में लगातार व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए.
9. जिला आबकारी विभाग द्वारा संचालित लाइसेंसी शराब की दुकानों और हाट बाजार के पार्किंग स्थलों पर भी हेलमेट धारण करने के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए.
10. स्थानीय टीवी चैनलों, इलेक्ट्रानिक मीडिया, प्रिन्ट मीडिया और सोशल मिडिया के माध्यम से दो पहिया वाहन चालकों को हेलमेट पहनने के लिए बाध्य किया जाए.