(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
MP Weather Update: मध्य प्रदेश में गर्मी का सितम, मार्च में तापमान 40 डिग्री पार, जानें आने वाले दिनों में क्या होगा हाल
MP Weather Update: उज्जैन में पिछले 2 साल का रिकॉर्ड टूट गया है. उज्जैन में 2 साल से मई और जून में 42 डिग्री से ऊपर तापमान नहीं गया लेकिन, इस बार मार्च के महीने में ही 40 डिग्री तापमान हो गया है.
MP Weather Update: अभी मार्च का महीना गुजरा भी नहीं है और मई-जून जैसी गर्मी ने लोगों के पसीने छूड़ा दिए हैं. मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दिनों में पारा और भी ऊपर जाने वाला है. अभी मार्च में ही गर्मी लोगों को परेशान कर रही है, तो मई-जून की गर्मी के बारे में सोचकर ही लोगों के हाल बेहाल हैं. मौसम में आए इस बदलाव के कई कारण बताए जा रहे हैं.
उज्जैन में पारा पहुंचा 40 पार
मार्च के महीने में गर्मी का मौसम पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा है. अभी से मध्य प्रदेश में तापमान 40 और इससे ऊपर चला गया है. धार्मिक नगरी उज्जैन में पिछले 2 साल का रिकॉर्ड टूट गया है. उज्जैन में 2 साल से मई और जून में 42 डिग्री से ऊपर तापमान नहीं गया लेकिन, इस बार मार्च के महीने में ही 40 डिग्री तापमान हो गया है. इस वजह से मौसम विभाग अब मई-जून में 44 डिग्री से ऊपर तापमान पहुंचने का आशंका जता रहा है.
लॉक डाउन होने की वजह से प्रदूषण कम था
तापमान के बेतहाशा बढ़ोत्तरी को सुनकर ही लोगों के पसीने छूट रहे हैं. मौसम विभाग के अधिकारी दिलीप गुप्ता का कहना है कि पिछले 2 साल से गर्मी के मौसम में कोरोना महामारी में लॉक डाउन होने की वजह से प्रदूषण कम था, जिसकी वजह से भी तापमान अधिक नहीं बढ़ पाया. इस बार कोरोना प्रतिबंध हटने के कारण प्रदूषण बढ़ने की वजह से भी तापमान में इजाफा हो रहा है. अब 21 मार्च से सूर्य की सीधी किरणें पृथ्वी पर पड़ेगीं, इस कारण 21 मार्च से गर्मी और भी ज्यादा बढ़ जाएगी.
गर्मी के कारण आम लोगों के भी हाल बेहाल हो रहे हैं लोगों का कहना है कि मई-जून जैसे हालात अभी से बन गए हैं. ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले दिनों में घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाएगा. रतलाम की रहने वाली सुषमा राठौर के मुताबिक पहले इतनी गर्मी मार्च के महीने में देखने को नहीं मिली. इस बार गर्मी ने चकित कर दिया है.
गर्मी ने मालवा को बना दिया निमाड़
मध्यप्रदेश में मालवांचल का इलाका काफी ठंडा और पर्यावरण के हिसाब से अनुकूल माना जाता रहा है, लेकिन पिछले कुछ सालों में यहां भी बदलाव हुआ है. पूर्व में निमाड़ का इलाका काफी गर्म माना जाता था लेकिन अब मालवा निमाड़ के इलाकों में तापमान के दृष्टिकोण से ज्यादा फर्क दिखाई नहीं दे रहा है.
इन कारणों से भी बढ़ रही है गर्मी
- लगातार वाहनों की संख्या बढ़ रही है और उनसे निकलने वाले प्रदूषण से गर्मी का स्तर ऊपर जा रहा है.
- राजस्थान से चलने वाली गर्म हवाओं का वेग अधिक है इसलिए भी गर्मी बढ़ रही है.
- उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषण और मशीनों की गर्मी का असर भी वातावरण पर पड़ रहा है.
- पेड़ों की लगातार हो रही कटाई के कारण भी मौसम में परिवर्तन आया है.
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